सेमवाल गांव में हुआ षक प्रशिक्षण एवं प्रातिक खेती का प्रदर्शन कार्यक्रम

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नई टिहरी। वीर चंद्र सिंह गढ़वाली उत्तराखंड उद्यानिकी एवं वानिकी विवि के षि विज्ञान केंद्र रानीचौरी के षि वैज्ञानिकों ने प्रातिक खेती का विस्तार परियोजना के अंतर्गत ग्राम सेमवाल गांव में षक प्रशिक्षण एवं प्रातिक खेती का प्रदर्शन कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम में षि विज्ञान केंद्र की नोडल अधिकारी प्रातिक खेती डा़ शिखा ने प्रातिक खेती के चार सिद्घांतो बीजामृत, जीवामृत, आच्छादन व वापसाष आदि के बारे में विस्तार पूर्वक चर्चा की। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद ग्रामीणों को उनके घर में ही उपलब्ध गाय के गोबर, गौमूत्र, चूना, बेसन, गुड़ इत्यादि से बहुत कम खर्च में बीजामृत एवं जीवामृत बनाने का प्रशिक्षण दिया। साथ ही उन्होंने किसानों घनजीवामृत बनाने की विधि से अवगत करवाया। उन्हें कम खर्च वाली प्रातिक खेती को अपनाने के प्रति जागरूक एवं प्रेरित किया। केंद्र के पादप संरक्षण वैज्ञानिक डा सचिन कुमार ने किसानों को प्रातिक विधि द्वारा आपसी परिवेश में उपलब्ध पौधों के माध्यम से पौधास्त्र तथा ब्रह्मास्त्र बनाकर फसलों के कीटों तथा जीवाणुवों से बचाव के बारे में जागरूक किया। इसके साथ एसआरएफ उदित जोशी ने अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष 2023 के विषय में जानकारी साझा करते हुए मोटे अनाजों से होने वाले स्वास्थ लाभ के बारे में बताया।
ग्रामीणों को इन अनाजों के उपभोग को लेकर जागरूक किया। इस प्रशिक्षण एवं प्रदर्शन कार्यक्रम में सेमवाल गांव के प्रगतिशील किसान विनोद लाल, विजया देवी, देवकी रणावत, मंजू देवी, समीदेवी सहित 40 से अधिक किसानों ने प्रतिभाग किया।

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