शांति प्रसाद थपलियाल बने ज्वाल्पा देवी मंदिर समिति के अध्यक्ष
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। पौड़ी जिले में स्थित सिद्धपीठ ज्वालपा धाम की पुरानी कार्यकरणी को भंग कर नवीन कार्यकारणी का गठन किया गया, जिसमें ज्वाल्पा देवी मंदिर समिति के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी कर्नल (रि) शांति प्रसाद थपलियाल को दी गई।
सिद्धपीठ ज्वाल्पा धाम की व्यवस्थाओं को चलाने के साथ ही संस्कृत विद्यालय के बेहतर संचालन के लिए वर्षो पूर्व ज्वालपा देवी मंदिर समिति का गठन किया गया था। श्री ज्वाल्पा देवी मंदिर समिति की विस्तारित वार्षिक बैठक और समिति के द्विवार्षिक चुनाव मंगलवर को ज्वाल्पा देवी धाम में आयोजित किए गए। समिति के अध्यक्ष कर्नल शांति प्रसाद थपलियाल स्वास्थ्य कारणों से बैठक में ऑन लाईन जुड़े। बैठक की अध्यक्षता वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री विजय चंद्रा (डंडरियाल) ने की। बैठक के आरंभ में समिति के पूर्व सचिव बुद्धिबल्लभ धीश थपलियाल को मौन श्रद्धांजलि दी गई। बुद्धिबल्लभ थपलियाल जी ने लगभग 30 वर्षों तक समिति की विभिन्न स्थितियों में सेवा की।
समिति की नई कार्यकारिणी का चुनाव के लिए प्रवेश चंद्र नवानी को चुनाव अधिकारी मनोनीत किया गया। निम्नलिखित सदस्यों का विभिन्न पदों के लिए चयन सर्व सम्मति हुआ जिसमें कर्नल (रि) शांति प्रसाद थपलियाल -अध्यक्ष विजय चंद्रा (डंडरियाल) वरिष्ठ उपाध्यक्ष, शिवदयाल बौंठियाल (कनिष्ठ उपाध्यक्ष, रमेश थपलियाल, (मुख्य सचिव) सत्य प्रकाश थपलियाल (प्रबंधक, महाविद्यालय), वासवानन्द खंतवाल (कोषाध्यक्ष), नागेन्द्र थपलियाल (व्यवस्थापक), सुरेश थपलियाल, सह व्यवस्थापक, उमेश नौडियाल (उपसचिव) पार्थसारथि थपलियाल (जनसंपर्क अधिकारी), अनिल चमोली (मुख्यनिर्माण परामर्शदाता), मुकुल थपलियाल (निर्माण अधिकारी), पी एल खंतवाल (विद्यालय प्रबंधक), पवन नौडियाल (धर्म शिक्षक) सर्वसम्मति से निर्वाचित हुए।
नवनिर्वाचित कार्यकारिणी की पहली बैठक में निम्नलिखित विषयों पर चर्चाएं की गई। विद्यालय प्रबंधक पी एल खंतवाल ने ज्वाल्पा देवी संस्कृत विद्यालय पर अपनी आख्या प्रस्तुत की। सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान रखते हुए सत्यप्रकाश थपलियाल ने विद्यालय की चार दीवारी के लिए काम करने की आवश्यकता पर बल दिया। इसमें विद्यार्थी संख्या, परीक्षा और महाविद्यालय के लिए मान्यता का संकट के मद्देनजर विस्तृत विमर्श किया गया। भास्कर ममगाईं के एक आवेदन पर निर्णय करने के लिए तीन सदस्यों की एक कमेटी बना दी गई। समिति शीघ्र अपनी रिपोर्ट मुख्य सचिव को देगी। ऑन लाइन शिक्षण जैसे बिंदुओं पर चर्चा हुई। बैठक में वृद्धाश्रम के निर्माण और उस पर आने वाले खर्च पर भी चर्चा की गई। विजय चंद्रा का प्रस्ताव था कि मंदिर समिति से सम्बद्ध कोई भी कर्मचारी अनुशासन हीनता करते हुए पाया जाय उसे तत्काल प्रभाव से हटा दिया जाय। शिवदयाल बौंठियाल ने अंत मे आभार व्यक्त किया। चंद्रा ने बताया कि शिक्षक कल्याण निधि में वे एक लाख रुपए का अंशदान किया। सभी ने करतल ध्वनि से उनका स्वागत किया।