विकासनगर(। पछुवादून में बरसाती नदी शीतला ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। नदी के साथ लगते कृषि रकबे पर लगी फसलों की जगह रेत-बजरी, कंकर व कूड़ा-करकट दिख रहा है। जबकि कई बीघा जमीन को बाढ़ का पानी लील गया है। केदारावाला और छरबा में शीतला नदी के उफान ने किसानों को भारी नुकसान हुआ है। करीब सौ बीघा कृषि भूमि भू कटाव की जद में आने से धान की फसल तबाह हो गई है। छोटे और मझौले किसान जिन खेतों में धान की फसलों की हरियाली देख खुश होते थे, आज वही किसान अपनी जमीनों को बंजर हुआ देख दुखी हो रहे हैं। जबकि अभी भी शीतला नदी का बहाव कृषि भूमि की ओर ही है, जिससे किसानों को अधिक नुकसान होने की चिंता सता रही है। भला ऐसा कौन किसान होगा जिसे अच्छी बरसात होने की खुशी नहीं होती। लेकिन पछुवादून में ऐसे सैकड़ों किसान परिवार हैं। जिनके लिए अच्छी बरसात किसी अभिशाप से कम नहीं है। बरसाती पानी लगातार खेतों में भरा रहने से हजारों बीघा भूमि में खड़ी फसल खराब हो चुकी है। रही सही कसर सोमवार रात से शुरू हुई मूसलाधार बारिश ने पूरी कर दी। बारिश के कारण शीतला नदी के उफान पर आने से केदारावाल से लेकर प्रतीतपुर तक सैकड़ों बीघा जमीन को बाढ़ का पानी लील गया है। केदारावाला के किसान दरबान सिंह असवाल, पूर्व प्रधान इमरान खान, दिलशाद, मोहर सिंह बिष्ट, राजेंद्र रावत ने बताया कि सोमवार रात से नदी के उफान पर आने के कारण बहाव खेतों तक पहुंच गया था। मंगलवार सुबह तक करीब सौ बीघा जमीन बाढ़ के पानी के साथ बह गई, जिससे धान की फसल भी नष्ट हो गई है। यही हालात छरबा, जस्सोवाला, प्रतीतपुर में भी देखने को मिले। छरबा के पूर्व प्रधान रूमीराम जसवाल ने बताया कि गांव में करीब तीस बीघा जमीन मंगलवार को शीतला के उफान में बह गई। प्रभावित किसानो ने बताया कि जहां कभी हरी-हरी फसलें लहराती थी आज उनके खेतों की स्थिति यह है कि खेत के निशान तक नहीं दिख रहे हैं।
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अतिवृष्टि से हुए फसलों और अन्य परिसंपत्तियों को हुए नुकसान का आकलन कर प्रभावितों को अहेतुक सहायता राशि मुहैया कराई जाएगी। विस्तृत रिपोर्ट मिलने के बाद क्षति के अनुपात में सभी प्रभावितों को उचित सहायता दी जाएगी। – विनोद कुमार, एसडीएम