शिक्षकों ने किया एक दिन वेतन कटौती का विरोध
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। उत्तराखण्ड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ ने प्रदेश सरकार के एक दिन के वेतन कटौती के निर्णय का विरोध किया है। सरकार के इस निर्णय से समस्त प्राथमिक शिक्षकों में रोष व्याप्त है। संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो न्यायालय की शरण में संगठन जायेगा। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि विधायकों के वेतन से कटौती करने में सरकार के पसीने छूट रहे है और सरकारी कर्मचारियों के मामले में सरकार मनमाने फैसले ले रही है।
सोमवार को आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए शिक्षक संघ के जिला मंत्री दीपक नेगी ने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार द्वारा शिक्षकों के वेतन से प्रत्येक माह मार्च 2021 तक एक दिन का वेतन कटौती का तुगलकी फरमान जारी किया गया है। कोरोना महामारी में सभी संवर्गों के शिक्षक व कर्मचारी अपने-अपने स्तर से तथा शासन-प्रशासन व विभागीय आदेशानुसार विभिन्न स्तरों पर इस महामारी के रोकथाम हेतु कार्य कर रहे है। शिक्षकों द्वारा एक दिन का वेतन पूर्व में ही स्वेच्छा से मुख्यमंत्री राहत कोषि में जमा कर दिया गया था। इसके बावजूद भी शिक्षकों का एक दिन का वेतन फरवरी 2020 से मार्च 2021 तक कटौती करना न्याय संगत नहीं है। इस तुगलकी फरमान का संगठन विरोध करता है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम में लगे शिक्षकों को ग्रीष्मकालीन अवकाश दिया जाय व इन शिक्षकों को सुरक्षा किट उपलब्ध करावायी जाय। बैठक में चन्द्रमोहन रावत, संजय धस्माना, विमल रावत, मधुसूदन हिंदवान, विपुल भंडारी, दीपक सजवाण, जगदीश राठी आदि उपस्थित रहे।