शिक्षक संघ ने नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश से मुलाकात
-नेता प्रतिपक्ष हृदयेश ने दिलया शिक्षक संघ को लंबित मांगों पर कार्रवाई का भरोसा
देहरादून। सहायता प्राप्त अशासकीय कॉलेजों के शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के लंबे समय से चले आ रहे आंदोलन के दौरान आश्वासन न मिलने पर नाराजगी जताई। इस संबंध में रविवार को शिक्षक संघ ने नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश से उनके आवास पर मुलाकात की। इस दौरान संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि अंब्रेला एक्ट में सुधारों को लेकर लंबे समय से आंदोलित है, लेकिन सरकार के स्तर पर अभी भी कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया। इसी क्रम में राज्यपाल को भेजे गए ज्ञापन में शिक्षक संघ ने इस विषय को रखा था, लेकिन राज्यपाल की ओर से विधेयक को वापस कर दिया गया। ग्रुटा के सचिव डॉ डीके त्यागी के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश से मिलकर अपनी मांग रखी। उन्होंने शिक्षकों की वेतन संबंधी जायज मांग को सहयोग करते हुए इसे सदन में उठाने के लिए भी आश्वस्त किया। इसी के साथ विधायक मनोज रावत ने भी शिक्षकों की मांगों को लेकर शिष्टमंडल को सहयोग के लिए आश्वस्त किया। इस मौके पर कांग्रेस प्रवक्ता सूर्यकांत धस्माना, डॉ रमेश शर्मा, डॉएचबी पंत डॉ संदीप नेगी, डॉक्टर हरीश जोशी, डॉ जीपी डंग ,डॉ संदीप पडालिया डॉ आनंद राणा, डॉ रवि शरण दिक्षित आदि मौजूद रहे।
विपक्ष की मांग के बगैर प्रवर समिति को भेजा लोकायुक्त विधेयक
भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस के सरकार के दावे पर सवाल खड़ा करते हुए उन्होंने लोकायुक्त को बतौर उदाहरण पेश किया। कांग्रेस प्रदेश प्रीतम ने कहा कि प्रदेश के इतिहास में पहली बार विपक्ष की मांग के बगैर ही लोकायुक्त जैसे महत्वपूर्ण विधेयक को प्रवर समिति में भेजने का कारनामा अंजाम दिया गया। भ्रष्टाचार पर मुख्यमंत्री के खिलाफ हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद जांच नहीं कराई जा रही है। सरकार में अंतर्विरोध गहरा रहे हैं। सत्तापक्ष के ही विधायक सरकार के खिलाफ कार्य स्थगन प्रस्ताव लाते हैं। केंद्रीय मंत्री कुंभ के निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार पर सरकार को आईना दिखा रहे हैं।