शीतकाल के लिए बंद हुए द्वितीय केदार मध्यमहेश्वर के कपाट
रुद्रप्रयाग। द्वितीय केदार मध्यमहेश्वर के कपाट आज गुरुवार प्रात: 7 बजे शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं। आज सुबह तड़के पौराणिक परंपराओं के अनुसार विधि विधान से मंदिर में पूजा अर्चना की गई। उसके पश्चात भगवान मध्यमहेश्वर के दर्शन भक्तों ने किए। तत्पश्चात पुजारी टी गंगाधर लिंग ने स्यंभूशिवलिंग का समाधि पूजा शुरू की उसके बाद शिवलिंग को समाधि दी गयी। बाबा मध्यमहेश्वर के जयकारों के बीच ठीक सात बजे प्रातº द्वितीय केदार मध्यमहेश्वर के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। इस अवसर पर देवस्थानम बोर्ड के अधिकारी-कर्मचारी, वेदपाठी-पुजारी गण स्थानीय लोग एवं सीमित संख्या में श्रद्धालु जन भी मौजूद रहे। मद्महेश्वर धाम में भी में मौसम सर्द है तथा बर्फ जमी हुई है। द्वितीय केदार मध्यमहेश्वर मंदिर के कपाट बंद होने के पश्चात उत्सव डोली ने मंदिर की परिक्रमा की तथा प्रथम पड़ाव गौंडार गांव को प्रस्थान किया। कार्यक्रम अनुसार 20 नवंबर को मध्यमहेश्वर की उत्सव डोली द्वितीय पड़ाव रांसी, 21 नवंबर को तृतीय पड़ाव गिरिया तथा 22 नवंबर को अपने गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुचेंगे। इसी दिन परंपरागत रूप से मध्यमहेश्वर मेला आयोजित किया जाएगा।