जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : आचार्य राकेश चंद्र लखेड़ा ने कहा कि भगवान शंकर अपने भक्तों के हर कष्ट को दूर करते हैं। शंकर भगवान की कृपा से मनुष्य जीवन में तरक्की के मार्ग पर आगे बढ़ता है। उन्होंने भक्तों को जलाभिषेक के महत्व के बारे में भी बताया।
उमरावनगर स्थित महाकालेश्वर शिव मंदिर में शिव महापुराण कथा के दौरान आचार्य राकेश चंद्र लखेड़ा ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि कलयुग में धर्म से बड़ा धन हो गया है। कहा कि बगैर धर्म के मानव जीवन व्यर्थ है। शिवपुराण में वर्णित चंचला की कथा के प्रसंग का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जो समाज अपने धर्म का पालन नहीं करता वह समाज राक्षस के समान होता है। कहा कि चंचला के पति बिंदुक एक ब्राह्मण कुल में पैदा हुआ, लेकिन वह धर्म को नहीं मानता था। तो वह राक्षसी प्रवृत्ति का हो गया। उसने छल कपट करके खूब धन कमाया। समय आने पर उसकी मौत होने पर वह पिचाश योनि में उत्पन्न हुआ। कहा कि जिसके जीवन में धर्म का कोई महत्व नहीं वह राक्षस जैसी प्रवृत्ति के होते है। कहा कि दुनिया में सज्जन व दुर्जन दोनों प्रकार के मनुष्य होते है। दोनों जब इस दुनिया से विदा लेते है तो सज्जन दूसरों को रूला कर जाता है, तथा दुर्जन हंसा कर जाता है। कहा कि कलयुग के लोग धर्म को नहीं बल्कि धन को बड़ा मानते है। इसीलिए लोग परेशान है। प्रथम दिवस पर शिव महापुराण कथा का शुभारंभ कलश स्थापना से किया गया। जिसमें पार्षद सौरभ नौटियाल, देवेंद्र सिंह रावत, पंकज नेगी ने कलश की विधिवत पूजा करवाई। इस मौके पर प्रकाश चंद्र देवरानी, पंकज नेगी, देवेंद्र घिल्डियाल, पंकज घिल्डियाल, रोशन नौटियाल, गोविंद गौड़ सहित तमाम क्षेत्रीय जन मौजूद रहे।