शिव पार्वती की झांकी ने मोहा मन

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : उमरावनगर में महाकालेश्वर मंदिर में चल रहे शिव महापुराण के पांचवें दिन भगवान शंकर व माँ पार्वती की झांकी निकाली गई। इस दौरान कथा श्रवण के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी हुई थी।
शिव पुराण कथा के पांचवे दिन आचार्य राकेश चंद्र लखेड़ा ने एक ब्राह्मणी व पार्वती का प्रसंग सुनाया। कहा कि शिव एवं पार्वती के विवाह संपन्न होने के बाद ब्राह्मणी ने पार्वती को समझाया कि पति के भोजन करने के बाद ही पत्नी को भोजन ग्रहण करना चाहिए, पत्नी को पति की आज्ञा का पालन करना चाहिए। पतिव्रता नारी को द्वार पर खड़ा नहीं होना चाहिए, दूसरो के घरों में बिना कारण अधिक समय तक नहीं बैठना चाहिए, पति कैसा भी उसका त्याग कतई नहीं करना चाहिए, पति की आज्ञा के बगैर तीर्थ यात्रा पर नहीं जाना चाहिए। व्यभिचारिणी स्त्रियों से कभी भी मित्रता नहीं करनी चाहिए, पति को सदेव अपना देवता मानना चाहिए। कहा कि पतिव्रता नारी व गंगा में कोई भेद नहीं होता है। इस मौके पर आचार्य देवेंद्र ध्यानी, आचार्य पंकज सुंद्रियाल, आचार्य रोशन नौटियाल, गोविंद गौड, संजय ध्यानी, रेवत राम ध्यानी, श्याम सिंह गुसांई, सुरेंद्र, पंचम सिंह मौजूद रहे।

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