लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को झटका, एक बार फिर भाजपा के हुए शैलेंद्र सिंह रावत
भाजपा से मेयर टिकट के लिए आस लगाए भाजपा नेताओं की भी बढ़ने लगी चिंता
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार: कोटद्वार के पूर्व विधायक शैलेन्द्र रावत ने कांग्रेस का हाथ छोड़ फिर से भाजपा का दामन थाम लिया है। देहरादून स्थित पार्टी कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने उन्हें सदस्यता ग्रहण कराई। साथ ही उनके साथ कई साथी भी भाजपा में शामिल हुए। वहीं, इसके बाद अब कोटद्वार से मेयर के टिकट की आस लगाये बैठे नेताओं को अंदरखाने बेचैनी बढ़ गई है। बता दें कि शैलेन्द्र रावत साल 2017 और 2022 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर यमकेश्वर से लड़े थे और दोनों बार जनता ने उन्हें नकार दिया। तब से शैलेन्द्र के समर्थक लगातार उनकी भाजपा में वापसी के प्रयास कर रहे थे।
साल 2003 में दुगड्डा के ब्लॉक प्रमुख बने शैलेन्द्र रावत भाजपा के टिकट पर 2007 में कोटद्वार से विधायक चुने गये थे। तब कांग्रेस के बड़े नेता माने जाने वाले सुरेन्द्र सिंह नेगी को उन्होंने शिकस्त दी थी। उसके बाद साल 2012 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के दिग्गज जनरल बीसी खंडूरी को कोटद्वार से टिकट मिला लेकिन कांग्रेस के सुरेन्द्र सिंह नेगी ने खंडूरी को हरा दिया। हार का ठीकरा शैलेन्द्र रावत पर फूटा और भाजपा ने उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया।हालांकि 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान उनकी भाजपा में वापसी हुई, लेकिन इसके बाद 2017 में भाजपा ने टिकट नहीं दिया। जिससे नाराज शैलेन्द्र रावत ने कांग्रेस के टिकट पर यमकेश्वर से चुनाव लड़ा लेकिन हार गए। 2022 का चुनाव भी यमकेश्वर से ही लड़े, लेकिन फिर पराजित हुए। अब वे एक बार फिर भाजपा में शामिल हुए हैं।