श्रद्धालुओं ने लगाई कामना सागर में आस्था की डुबकी
रुद्रपुर। श्री हरिचांद गुरुचांद मंदिर परिसर में स्थित कृत्रिम कामना सागर में मतुआ संप्रदाय के महावारूणी स्नान पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। इस दौरान पूरा नगर हरि बोल के उद्घोष से गुंजायमान हो उठा। शुक्रवार को श्री हरिचांद ठाकुर के 210 वें जन्मोत्सव पर कामना सागर में महावारूणी स्नान शुरू हुआ। इस दौरान भारी तादाद में लोगों ने बारी-बारी से डुबकी लगाकर मनौतियां मांगी। पूर्व विधायक नारायण पाल ने कहा कोरोना के बढ़ते प्रभाव के कारण प्रशासन ने इस बार धार्मिक अनुष्ठान और मेले पर रोक लगा दी है। इस बार सुबह आठ बजे गंगा पूजन एवं धर्म ध्वजा उत्तोलन के बाद दस बजे से श्रद्धालुओं ने स्नान कर मंदिर में पूजा अर्चना की। मन्नतें पूरी होने पर लोगों ने भोग चढ़ाया। शनिवार को शांति सभा के साथ ही महोत्सव का समापन होगा। उन्होंने कहा मौजूदा दौर में देश के लगभग एक दर्जन प्रांतों में महावारूणी पर्व मनाया जाता है। महावारूणी स्नान के प्रति अनुयाईयों में अटूट आस्था है। वह ईष्ट की अराधना में मगन हो नाचते गाते हुए कामना सागर में डुबकी लगाते हैं। देश की प्रमुख नदियों से पवित्र जल लाकर कामना सागर में डाला जाता है। जिसके बाद सागर को महास्नान के लिए तैयार किया जाता है। उनका मानना है कामना सागर में डुबकी लगाने से रोग तो दूर होते ही वहीं सभी मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं। यहां राजेश नंदी, सुधांशु, संजीत खान, सिकदार, संजीव महलदार, निर्मल मंडल, पूर्णेन्दु खान, गोकुल विश्वास, प्राण बढ़ई आदि रहे।