रामलीला में श्रवण कुमार के मंचन ने मोहा मन

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : कल्पतरु बालिका रामलीला कमेटी की ओर से काशीरामपुर तल्ला में रामलीला मंचन का आयोजन किया जा रहा है। प्रथम दिन श्रवण कुमार नाटक की प्रस्तुति दी गई, जिसमें श्रवण कुमार पर शब्दभेदी वाण लगने से उनकी जीवन लीला समाप्त हो जाती है।
रामलीला का कार्यक्रम का शुभारंभ डा. घनानंद शर्मा ने दीप प्रज्वलित कर किया। उन्होंने कहा कि मर्यादा पुरूषोत्तम राम चंद्र के जीवन चरित्र को सदियों तक याद किया जाता रहेगा। उन्होंने लोगों से श्रीराम चंद्र के जीवन से प्रेरणा लेने का भी आग्रह किया। कहा कि पहली बार इस क्षेत्र में महिलाओं के माध्यम से रामलीला मंचन किया जा रहा है, जो कि क्षेत्र के लिए गौरव की बात की बात है। प्रथम दिवस पर श्रवण कुमार नाटक का मंचन किया गया, जिसमें श्रवण कुमार अपने माता-पिता को तीर्थ घुमाने के लिए ले जाते हैं। रास्ते में एक जगह वे अपने प्यासे माता-पिता को पानी पिलाने के लिए रूकते है, जहां पर वे नदी में पानी भरते हैं। तभी बर्तन की आवाज सुन जंगल में शिकार करने आए राजा दशरथ किसी शिकार के होने के अंदेशा होने पर शब्दभेदी वाण चला देते है, जोकि सीधे श्रवण कुमार के सीने में लग जाता है, जिससे श्रवण कुमार अपने प्राण छोड़ देते है। इस दृश्य को देखकर श्रोताओं के आंखों में आंसू आ गए। श्रवण कुमार नाटिका मंचन के बाद दशरथ के चारों पुत्रों का जन्म, उनके नामकरण किए जाने के दृश्यों को भी दिखाया गया। इस मौके पर आंचल कुमार अग्रवाल, राकेश राज, सतीश चंद्र सहित बड़ी संख्या में क्षेत्र के लोग मौजूद रहे।

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