हरिद्वार। श्री रामानुज श्रीवैष्णव संस्कृत महाविद्यालय और भागीरथी नगर पर्वतीय समाज की ओर से शनिवार को कच्छी लाल रामेश्वर घाट पर संस्कृत दिवस के अवसर पर श्रावणी उपाकर्म हुआ। ब्राह्मण समाज के सदस्यों के साथ छात्र भी इसमें शामिल हुए। वैदिक मंत्रोच्चारण से घाट का वातावरण दिव्य बन गया। प्राचार्य राजेंद्र प्रसाद पुनेठा ने कहा कि संस्कृत और संस्कृति को जन-जन की भाषा बनाने के लिए मंथन जरूरी है। उन्होंने कहा कि आधुनिक भौतिकवादी युग में अपनी वैदिक संस्कृति, परंपराओं और धर्म का पालन करना हम सबके लिए श्रेयस्कर है। वेदों में बताया गया है कि धर्मो रक्षति रक्षितः, यानी धर्म की रक्षा करने वाला ही धर्म की रक्षा करता है।