श्री रघुनाथ कीर्ति हिन्दी सेवा सम्मान प्रो़ राखी को दिया
नई टिहरी। केन्द्रीय संस्त विवि के श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर का तीसरा श्री रघुनाथ कीर्ति हिन्दी सेवा सम्मान जानी-मानी लेखिका व शिक्षाविद् प्रो़ राखी उपाध्याय को दिया गया है। पूर्व उच्च शिक्षा निदेशक ड़ सविता मोहन व परिसर निदेशक प्रो़ पीवीबी सुब्रह्मण्यम ने उन्हें प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह्न के साथ 5 हजार राशि का चेक भी भेंट किया। डीएवी कलेज देहरादून की प्रो़ राखी उपाध्याय की अब तक हिंदी में 17 पुस्तकें, 105 शोध पत्र प्रकाशित हो चुके हैं, वह 26 ग्रंथों का संपादन कर चुकी हैं,उन्हें डेढ़ दर्जन से अधिक राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं। पूर्व उच्च शिक्षा निदेशक ड़ सविता ने कहा कि दृष्टि से अधिक ध्वनि का महत्व होता है, ध्वनि के कारण हम किसी को भी प्रभावित करते हैं। कहा कि मंत्रों का महव और प्रभाव भावना ध्वनियों के ही कारण है। संस्त और हिन्दी के स्वर व्यंजन में ध्वनि ही अहमियत है। अक्षर थोड़ा उल्टे-सीधे लिखे भी हो तो वह फिर भी पहचाने जाते हैं, परंतु ध्वनियां गलत हो तो शब्दों के अर्थ बदल जाते हैं। दृष्टि बाधित संस्त शोधार्थीातु जियाल ने कहा कि संस्त और हिन्दी का सम्बंध अमिट है, संस्त के प्रचार-प्रसार, संरक्षण के साथ हिन्दी का भी संरक्षण करना होगा, क्योंकि संस्त की रक्षा हिन्दी के माध्यम से संभव है।ातु दिल्ली विवि से दर्शन विषय पर शोध कर रही हैं। परिसर निदेशक प्रो़ पीवीबी सुब्रह्मण्यम ने कहा कि संस्थानों में स्पर्धाओं का आयोजन केवल पुरस्कार देने के लिए नहीं होता, छात्र छात्राओं में शैक्षिक बौद्घिक विकास भी लक्ष्य है।