नईदिल्ली,। भारतीय क्रिकेट टीम के युवा बल्लेबाज शुभमन गिल ने एक बार फिर अपनी प्रतिभा और धैर्य से दुनिया को चौंका दिया है. इंग्लैंड के खिलाफ हाल ही में खेली गई पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में उन्होंने 75.40 की औसत और चार शतकों के साथ 754 रन बनाए.
सीरीज में गिल का सबसे अच्छा प्रदर्शन एजबेस्टन में खेले गए दूसरे टेस्ट में आया. जहां उन्होंने पहली पारी में 269 और दूसरी पारी में 161 रन बनाए, और एक ही मैच में 430 रन बनाकर भारत को शानदार जीत दिलाई.
गिल इंग्लैंड में एक टेस्ट सीरीज में 700 से ज्यादा रन बनाने वाले पहले एशियाई बल्लेबाज भी बने. जो उनकी के कौशल का प्रमाण है. इसके अलावा सबसे अहम बात ये है कि गिल ने इंग्लैंड में जब भी 50 का आंकड़ा पार किया, तो उसे शतक में बदलकर एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया.
टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब कि किसी बल्लेबाज ने इंग्लैंड में खेलते हुए अपने सभी अर्धशतकों को शतक में बदला हो. शुभमन गिल ने यह दुर्लभ उपलब्धि हासिल कर यह दिखा दिया कि वे केवल एक प्रतिभाशाली बल्लेबाज ही नहीं, बल्कि एक परिपक्व और धैर्यवान खिलाड़ी भी हैं. गिल ने अब तक इंग्लैंड में कुल 8 मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 52 की औसत से 4 शतकों के साथ कुल 842 रन बनाए हैं. खास बात ये है कि उनके नाम एक भी अर्धशतक नहीं है. उन्होंने चार बार 50 रन बनाए लेकिन चारों बार उसे 100 में बदलने में कामयाब रहे.
यह आंकड़े यह साबित करते हैं कि गिल ने न केवल रन बनाए, बल्कि जब भी वे अच्छी शुरुआत करने में सफल रहे, उन्होंने उसे बड़े स्कोर में बदला. टेस्ट क्रिकेट में यह कला केवल महान खिलाड़ियों के पास होती है. जो ये बताती है कि गिल बड़े खिलाड़ी बनने की राह पर चल पड़े हैं.
इंग्लैंड में बल्लेबाजी करना हमेशा से एक चुनौतीपूर्ण काम माना जाता है. वहां की स्विंग लेती हुई गेंदें, बादल भरे मौसम और पिच की उछाल किसी भी बल्लेबाज की परीक्षा लेते हैं. लेकिन गिल ने इन तमाम कठिनाइयों को पार करते हुए अपने शॉट्स, फुटवर्क और मानसिक मजबूती से सभी को प्रभावित किया.
पूरी सीरीज के दौरान गिल ने कई उपलब्धियां भई हासिल की. रोहित शर्मा की जगह भारत के टेस्ट कप्तान का पदभार संभालने के बाद, इंग्लैंड सीरीज में उन्होंने इस भूमिका में पदार्पण किया और इस युवा कप्तान ने अपनी उल्लेखनीय प्रतिभा और नेतृत्व क्षमता का परिचय दिया.
शुभमन गिल का यह प्रदर्शन भारतीय क्रिकेट के लिए एक सुखद संकेत है. वे भविष्य में भारतीय टीम की बल्लेबाजी की रीढ़ बन सकते हैं. उनकी तकनीक, अनुशासन और रन बनाने की भूख उन्हें आने वाले वर्षों में एक विश्व स्तरीय बल्लेबाज बना सकती है.
शुभमन गिल ने इंग्लैंड की धरती पर जो कीर्तिमान स्थापित किया है, वह लंबे समय तक याद किया जाएगा. उनके इस प्रदर्शन ने उन्हें न केवल एक भरोसेमंद बल्लेबाज के रूप में स्थापित किया है, बल्कि यह भी दिखा दिया है कि वे दबाव में भी बड़ा प्रदर्शन करने की काबिलियत रखते हैं. भारतीय क्रिकेट प्रेमियों को उनसे भविष्य में और भी बड़ी उम्मीदें होंगी.
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