जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : तीन दिवसीय प्रसिद्ध सिद्धबली मंदिर वार्षिकोत्सव अनुष्ठान का शुक्रवार से आगाज हो गया है। पहले दिन सुबह खोह नदी के तट पर वैदिक पूजा अर्चना के साथ कन्याएं जल कलश लेकर मंदिर परिसर में पहुंची, जिसके बाद एकादश कुंडीय यज्ञ की धूनी प्रज्वलित की गई। अनुष्ठान में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। इस दौरान मंदिर में विशेष भंडारे का भी आयोजन किया गया था।

पिछले कई दिनों से मंदिर समिति की ओर से वार्षिक अनुष्ठान को लेकर तैयारियों की जा रही थी। इसी के तहत शुक्रवार को अनुष्ठान के पहले दिन ब्रह्म मुहूर्त मे सिद्धबली बाबा का पिंडी महाभिषेक कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। मेला संयोजक व मुख्य यजमान अनिल कंसल, लैंसडौन विस के विधायक दिलीप रावत, मंदिर समिति के अध्यक्ष डा. जेपी ध्यानी, प्रबंधक शैलेश जोशी आदि ने खोह नदी के तट पर संकल्प लिया। इसके बाद बालिकाओं ने खोह नदी से जल लेकर यज्ञ स्थल तक कलश यात्रा निकाली, जिसके बाद सिद्धबली बाबा का महाभिषेक हुआ। महाभिषेक के बाद ‘सिद्धों का डांडा’ में सिद्धबाबा की ध्वज पताका फहराई। तदुपरांत पं. देवी प्रसाद भट्ट के दिशा-निर्देशन में एकादशीय कुंडीय यज्ञ की अग्नि प्रज्ज्वलित कर यज्ञ का शुभारंभ किया गया। यज्ञ की पूर्णाहूति आठ दिसंबर को होगी। एकादश कुंडीय यज्ञ में प्रथम दिवस पर डाली गई आहूतियों के दौरान मंदिर परिसर में सुंदर कांड का भी पाठ किया गया।
मेले में कल
पिंडी महाभिषेक : प्रात: पांच बजे
एकादश कुंडीय यज्ञ : प्रात: सात बजे
गढ़वाली भजन संध्या (मंगलेश डंगवाल व साथी) : दोपहर एक बजे