दो वर्ष बाद भी नहीं बना सिद्धबली पार्क का पुश्ता

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खोह नदी की भेंट चढ़ गया था सिद्धबली पार्क का पुश्ता
नदी की ओर से लगातार खोखला होता जा रहा पार्क
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : वन विभाग अपनी जिम्मेदारियों को लेकर कितना लापरवाह है इसका प्रत्यक्ष उदाहरण सिद्धबली पार्क में देखने को मिल रहा है। जहां दो वर्ष पूर्व भूमि का हिस्सा खोह नदी में ढह गया था। लेकिन, वन विभाग ने अब तक पुश्ते की मरम्मत नहीं करवाई। नतीजा, लगातार हो रही वर्षा व खोह नदी उफान पर आने से पुश्ते के नीचे का हिस्सा लगातार खोखला होता जा रहा है। ऐसे में कब बड़ा हादसा हो जाएं कुछ कहा नहीं जा सकता। जबकि, पार्क में सुबह-शाम बच्चे व युवा कसरत करने के लिए पहुंचते हैं।
वर्ष 2021 में कालागढ़ टाइगर रिजर्व वन प्रभाग ने सिद्धबली पार्क का जीर्णोद्धार करवाया गया था। इसके लिए बाकायदा पार्क में नए झूले व गमलों में तरह-तरह के फूल लगाए गए थे। पार्क की स्थिति सुधरने के बाद शहर के कई बुजुर्ग व बच्चे सुबह व शाम के समय पार्क में टहलने के लिए पहुंचने लगे। साथ ही सिद्धबली मंदिर आने वाले बच्चे भी पार्क में खेलते थे। लेकिन, वर्तमान में पार्क की बदहाली के कारण कई लोगों ने पार्क में घूमना बंद कर दिया। सुबह-शाम केवल कसरत करने वाले बच्चे व युवा ही पार्क में पहुंचते हैं। लेकिन, वर्तमान में वन विभाग की लापरवाही इन बच्चों व युवाओं के जीवन पर भारी पड़ सकती है। पुश्ते को क्षतिग्रस्त हुए दो वर्ष से अधिक का समय बीत चुका है। बावजूद इसके मरम्मत की सुध नहीं ली गई। हालत यह है कि यदि कोई भी पार्क के इस हिस्से से नीचे गिरा तो वह सीधे खोह नदी में जाकर गिरेगा। सबसे अधिक खतरा बच्चों के लिए बना हुआ है। अधिकांश कसरत के उपकरण भी इसी खतरे की जद में आए स्थान पर लगे हुए हैं।

नहीं दिख रहे इंतजाम
वर्षाकाल में कटाव के बाद पार्क के उस हिस्से की भूमि नीचे से खोखली हो चुकी है। ऐसे में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। बाजवूद वन विभाग ने अब तक उक्त स्थान पर कोई ऐसे इंतजाम नहीं किए, जिससे पता चले कि पार्क के इस हिस्से में आवागमन खतरनाक है। सबसे अधिक खतरा शाम के समय बना रहता है। दरअसल, पार्क में लाइट की व्यवस्था नहीं होने के कारण यह हिस्सा दिखाई नहीं देता।

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