सिद्धपीठ मां हरियाली देवी की कांठा यात्रा को लेकर तैयारियां शुरू

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रुद्रप्रयाग। रानीगढ़ क्षेत्र की सिद्धपीठ मां हरियाली देवी की कांठा यात्रा को लेकर स्थानीय लोगों ने तैयारियां शुरू कर दी है। धनतेरस यानी 12 नवम्बर मां अपने मायके कांठा मंदिर जाएंगी। यात्रा में सम्मिलित होने के लिए यात्री को एक सप्ताह पूर्व से तामसिक भोजन का त्याग करना पड़ता है। समुद्रतल से लगभग 10 हजार फीट की ऊंचाई पर कांठा में मां हरियाली का मायका है। जबकि जसोली में स्थित हरियाली देवी मंदिर में मां का ससुसाल माना जाता है। वर्षभर में एक बार मां की अपने मायका कांठा जाने की परम्परा आज भी कायम है। जसोली से कोदिमा, बांसों, पंचरंग्या पानी व कनखल पड़ावों की लगभग सात किमी दूरी तय करके मां हरियाली कांठा मंदिर पहुंचते हैं। मां की डोली के कांठा मंदिर के समीप पहुंचने पर मायके पक्ष के लोगों की ओर डोली की अगुवाई करने की परम्परा निभाई जाती है। इस यात्रा में शामिल होने के लिए भक्तों को एक सप्ताह पूर्व से ही तामसिक भोजन का त्याग करना पड़ता है। इस वर्ष 12 नवम्बर यानी धनतेरस को शाम सात बजे जसोली की सिद्धपीठ मां हरियाली की कांठा यात्रा का आयोजन किया जाएगा। 13 नवम्बर को मां की डोली कांठा मंदिर में सूर्य की पहली के साथ प्रवेश करेगी। इसके उपरान्त कांठा मंदिर में मां की विशेष पूजा अर्चना के साथ ही भोग लगाया जाता है। इस अवसर पर यहां पर भंडारे का आयोजन भी होता है। मंदिर के पुजारी विजय जसोला ने बताया कि इस वर्ष 12 नवम्बर को मां हरियाली की कांठा यात्रा का आयोजन किया जाएगा। इसको लेकर तैयारियां चल रही है। बताया कि कोरोनाकाल के चलते इस वर्ष सीमित लोगों को ही यात्रा में शामिल किया जाएगा। साथ ही सरकारी की ओर जारी गाइड लाइन का पूरा ख्याल रखा जाएगा।

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