कोटद्वार-पौड़ी

बड़े पुलों को तो बचा रहे साहब, बरसाती गेदेरों पर बनी पुलिया की भी सुध ले लो

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

मालन नदी का पुल ढहने के बाद सरकारी सिस्टम क्षेत्र के बड़े पुलों को बचाने में जुटा
बरसात के समय खतरा बन रही छोटी पुलियाओं पर नहीं दिया जा रहा ध्यान
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : मालन नदी का पुल ढहने के बाद सरकारी सिस्टम क्षेत्र के सभी बड़े पुलों को बचाने की कवायद पर जुट गया है। लेकिन, वार्ड के गली-मोहल्लों को जोड़ने वाले बरसाती गदेरे पर बनी छोटी पुलिया पर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है। नतीजा उफान पर बह रहे गदेरों से यह पुलियाएं ताश के पत्तों के समान ढह रही है। सिंचाई विभाग जहां छोटे पुलों को लोक निर्माण विभाग की संपत्ति बताकर पल्ला झाड़ता नजर आ रहा है। वहीं, लोक निर्माण विभाग बड़े पुलों की सुरक्षा में जुटा हुआ है।
11 जुलाई को झंडीचौड़ क्षेत्र में तेलीस्रोत गदेरे में बना पुल स्रोत के तेज बहाव की भेंट चढ़ गया थ। इससे वार्डवासियों को आवाजाही में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। यही नहीं क्षेत्र में पनियाली गदेरा, तेलीस्रोत गदेरा, गिवईं गदेरा, ग्वालगढ़ गदेरा, बहेड़ा स्रोत, जामुन स्रोत मुख्य बरसाती गदेरे हैं, जिन पर दो दर्जन से अधिक छोटे पुल हैं। यह पुल क्षेत्र में कई गली-मोहल्लों को आपस में जोड़ते है। लेकिन, इन पुलों की सुध लेने वाला कोई नहीं है। हालात यह हैं कि गली-मुहल्लों के यह पुल कब धराशायी हो जाते हैं, सरकारी सिस्टम को इसकी सुध भी नहीं रहती।

पुलिया के पिल्लर हो रहे खोखले
क्षेत्र में कई पुलिया के पिल्लर नीचे से खोखले हो रहे हैं। ऐसे में इससे आवाजाही करने वालों को हर समय दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है। आमपड़ाव-मानपुर को जोड़ने वाली पुलिया का भी यही हाल है। लोक निर्माण विभाग की ओर से अभी तक इन पुलों की ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया है।

पेड़ फंसने से होता है जलभराव
बरसाती गदेरों पर बने पुल कई मर्तबा बाढ़ का कारण भी बनते हैं। दरअसल, वन क्षेत्र से शहर की ओर आने वाले इन बरसाती गदेरों में कई बार पेड़ भी बहकर आते हैं, जो गदेरों में बनी पुलिया में फंस जाते हैं। जिससे गदेरे का प्रवाह अवरुद्ध हो जाता है व गदेरे का पानी आवासीय कालोनियों में भर जाता है। पनियाली गदेरे में पुलों के कारण आई बाढ़ से अभी तक कई लोग अनायास ही काल का ग्रास बन गए। अन्य गदेरों में जन हानि तो नहीं हुई। अलबत्ता, घरों में गदेरे का पानी घुसने के कारण लोगों को नुकसान काफी हुआ।

अधिकारियों ने कही ये बात
बरसाती गदेरों में बने पुलों की देखरेख का जिम्मा लोक निर्माण विभाग के पास है। सिंचाई विभाग बरसाती गदेरों में बाढ़ सुरक्षा दीवार निर्माण का कार्य देखता है। …अजय जॉन, अधिशासी अभियंता, सिंचाई विभाग, कोटद्वार।
……..
बरसाती गदेरों में पुलियाओं की मरम्मत का बजट वार्षिक मरम्मत मद से निकाला जाता है। पुलियाओं की स्थिति को लेकर फिलहाल कोई रिपोर्ट नहीं बनाई गई है। …सत्यप्रकाश, सहायक अभियंता, लोनिवि दुगड्डा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!