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लखीमपुर कांड के लिए एसआईटी गठित, छह सदस्यीय टीम करेगी मामले की पूरी जांच

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लखनऊ , एजेंसी। लखीमपुर खीरी में हुए बवाल की जांच के लिए योगी सरकार ने विशेष जांच दल (ैप्ज्) गठित कर दी है। 6 सदस्यों की टीम लखीमपुर कांड की पूरी जांच करेगी। बताया जा रहा है कि मामले में न्यायिक जांच कमेटी का भी गठन कल तक हो जाएगा। किसानों से हुए समझौते में न्यायिक जांच की बात कही गई थी। लखनऊ की आईजी रेंज लक्ष्मी सिंह ने कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने बताया कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के पुत्र आशीष मिश्रा को इस केस में नामजद आरोपी बनाया गया है।
विशेष टीम लखीमपुर के एएसपी अरुण कुमार सिंह के नेतृत्व में काम करेगी। बवाल कैसे शुरू हुआ, किसकी ओर से पहले हमला किया गया, पोस्टमार्टम रिपोर्ट क्या कह रही है़.़ऐसे कई सवालों का जवाब यह कमेटी पता करेगी। आईजी ने बताया कि बवाल में मारे गये लखीमपुर के रहने वाले दोनों किसानों के परिवारीजनों को सरकार की तरफ से 45-45 लाख रुपये का चेक दे दिया गया है। मृतक आश्रितों को 45 लाख रुपये और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा प्रदेश सरकार ने की थी।
मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा को नामजद करते हुए जो एफआईआर दर्ज कराई गई है, उसमें 15 से 20 अज्ञात व्यक्तियों को भी आरोपी बनाया गया है। एफआईआर की कापी में गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा पर साजिश रचने का आरोप लगाया गया है। हत्या (302)के साथ-साथ दुर्घटना में मौत (304ं) की धारा भी लगाई गई है। एफआईआर में गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के वायरल वीडियो का भी जिक्र किया गया है। वायरल वीडियो पर अजय मिश्रा पर कोई कार्यवाही न करने का भी जिक्र है। आरोप लगाया गया है कि गृह राज्य मंत्री और उनके बेटे ने सुनियोजित तरीके से साजिश रचकर घटना की है। एफआईआर के मुताबिक घटना के दिन आशीष मिश्रा उर्फ मोनू अपनी थार गाड़ी में बाईं तरफ बैठा था। गौरतलब है कि रविवार को हुए बवाल में चार किसानों समेत आठ लोगों की हो गई थी।

लखीमपुर खीरी मामला: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा सीतापुर में गिरफ्तार, रिहाई पर असमंजस
लखनऊ, एजेंसी। लखीमपुर खीरी जाने के प्रयास में लखनऊ से निकलीं कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को सोमवार को सीतापुर में हिरासत में लेने के बाद मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया गया है। प्रियंका गांधी के साथ ही 11 लोगों पर शांति भंग का आरोप लगा है और सबसे खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई है। अब उनको निजी मुचलके पर रिहा किया जा सकता है। उनकी रिहाई पर असमंजस है। उधर प्रियंका को गिरफ्तार करने की सूचना पर कांग्रेस काफी आक्रोशित हैं।
सीतापुर में पीएसी सेकेंड बटालियन के गेस्ट हाउस में हिरासत में ली गईं कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा व 11 के विरुद्घ मंगलवार को हरगांव पुलिस ने धारा 107/116 व 151 में कार्रवाई कर दी है। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा समेत 11 लोगों के विरुद्घ हरगांव पुलिस ने धारा 107/116 व 151 में पाबंद करने के लिए रिपोर्ट एसडीएम को भेजी है। एसडीएम की संस्तुति के बाद प्रियंका व उनके समर्थकों की पाबंदी की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। इसके बाद उन्हें निजी मुचलके पर रिहा कर दिया जाएगा।
एसडीएम सदर पीएल मौर्य ने बताया प्रियंका गांधी वाड्रा को गिरफ्तार कर द्वितीय वाहिनी पीएसी के गेस्टहाउस में भेजा गया था। उन्होंने बताया कि रिहाई के लिए फिलहाल अभी कुछ तय नहीं है। उन्होंने बताया कि जरूरी नहीं कि प्रियंका गांधी वाड्रा को रिहाई के लिए न्यायालय में पेश किया जाए। सीआरपीसी में कई धाराएं हैं, जिनमें मजिस्ट्रेट अस्थाई तौर पर आवश्यकता के अनुसार कहीं पर भी सुनवाई कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि निर्देश मिलते ही उन्हें निजी मुचलके पर रिहा कर दिया जाएगा। इस मामले में अभी प्रियंका गांधी की रिहाई को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

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