बौखला गईं हैं स्मृति ईरानी, अमेठी से ही चुनाव लड़ेंगे राहुल गांधी: अजय राय
वाराणसी, एजेंसी। उत्तर प्रदेश कांग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्ष अजय राय शुक्रवार को अपने गृह जनपद वाराणसी पहुंचे। बाबतपुर स्थित लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर अजय राय के स्वागत में कांग्रेस कार्यकर्ताओं का हुजूम उमड़ पड़ा। मीडिया से बातचीत में अजय राय ने कहा कि राहुल गांधी अमेठी से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। प्रियंका गांधी चाहें तो वाराणसी से चुनाव लड़ सकती हैं, हमारा एक-एक कार्यकर्ता उनके लिए जान लगा देगा।
एक सवाल के जवाब में कहा कि स्मृति ईरानी बौखला गईं हैं। वो 13 रुपये किलो चीनी दिला रहीं थीं। पूछा कि 13 रुपये किलो चीनी मिल रहा है क्या? अजय राय ने कहा कि राहुल गांधी और कांग्रेस नेतृत्व ने जो विश्वास किया है उस विश्वास को लेकर आम जनता में जाएंगे।
वाराणसी एयरपोर्ट के बाहर मीडिया से बातचीत में अजय राय ने कहा कि आप कैमरा घुमाकर देखिए न, यहां बूथ लेवल का गांव-गिरांव के कार्यकर्ता खड़े हैं। अब गांव-गिरांव में कांग्रेस भाजपा को चुनाव हराएगी। बनारस की धरती महादेव की धरती है। महादेव महादेव की धरती से यह बिगुल बजा है। जिसका असर पूरे प्रदेश में देखने को मिलेगा।
अजय राय ने कहा कि भाजपा में क्या है, जो आप को गाली देता रहा। आप को मठ में भेजता रहा आप को गुजरात भेजता रहा। आज आप ने उसे अपने गठबंधन में ले लिया। उसे माला पहना रहे हैं और उसका स्वागत कर रहे हैं। पहले भाजपा को अपने गिरेबां में झांकना चाहिए। यह पूछने पर कि सबसे बड़ा मुद्दा क्या है इसपर अजय राय ने कहा कि प्रदेश में जो माहौल बनाया जा रहा है वही मुद्दा है। बेरोजगारी, महंगाई और जो डरा कर अपने साथ लेने का जो माहौल चल रहा है। ईडी-सीबीआई का डर दिखा कर लोगों को अपने साथ जोड़ा जा रहा है।
अजय राय ने खुद को राहुल गांधी का सिपाही और कार्यकर्ता बताया। कहा कि जो लड़ाई पूरी मजबूती के साथ भाजपा और नरेंद्र मोदी के खिलाफ लड़ा था अब इसे चंदौली से गाजियाबाद तक लड़ा जाएगा। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत होगी। अजय राय ने अपने पहले कदम के बारे में बताते हुए कहा कि वे आम कार्यकर्ता और साधारण व्यक्ति हैं। बताया कि सबसे पहले गाजीपुर शहीदों को नमन करने जा रहे हैं। ये लगातार संघर्ष करने का परिणाम है कि आज यह पद मिला है।
कांग्रेस हाईकमान ने अब तक कांग्रेस के प्रांतीय अध्यक्ष रहे पूर्व विधायक अजय राय को प्रोन्नति देते हुए प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। पार्टी शीर्ष नेतृत्व की ओर से लोकसभा चुनाव से ठीक पहले किए गए इस बदलाव को सियासी नजरिये से अहम माना जा रहा है। पूर्व विधायक राय को जुझारू नेता के रूप में पहचाना जाता है। खासतौर से वह पूर्वांचल में मजबूत पकड़ रखते हैं। अजय राय ने 2012 में कांग्रेस का हाथ थामा और उसी साल विधानसभा उपचुनाव में वाराणसी की पिंडरा सीट से पांचवी बार विधायक बने। इसके बाद से लगातार कांग्रेस में रहे। अजय राय 27 वर्ष की उम्र में ही 1996 में पहली बार भाजपा के टिकट पर विधायक बने थे। इसके बाद वह 2002 एवं 2007 में भी भाजपा के टिकट पर जीते। 2009 में भाजपा से सपा में शामिल हो गए।
पं. कमलापति त्रिपाठी के बाद पहली बार किसी नेता को उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के रूप में पूरे प्रदेश की कांग्रेस की कमान संभालने का मौका मिला है। अजय राय पर कांग्रेस को प्रदेश में फिर खड़ा करने की चुनौती होगी, क्योंकि अब कांग्रेस को खोने के लिए यहां कुछ भी नहीं बचा है।