किश्तवाड़ प्रलय में अब तक 65 लोगों की मौत, मलबे में दबी सैकड़ों जिंदगियां

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जम्मू , जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के चिशौती गांव में बादल फटने से भारी तबाही हुई है। शनिवार को लगातार तीसरे दिन भी राहत व बचाव कार्य जारी रहा। इस आपदा में अब तक 65 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 100 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने शुक्रवार देर रात पुलिस महानिदेशक (ष्ठत्रक्क) नलिन प्रभात के साथ प्रभावित गांव का दौरा कर हालात का जायजा लिया। इस दौरान पुलिस, सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बीआरओ, नागरिक प्रशासन और स्थानीय स्वयंसेवकों द्वारा चलाए जा रहे बचाव अभियानों की समीक्षा की गई।
अधिकारियों के अनुसार, अब तक 46 शवों की पहचान हो चुकी है जिन्हें कानूनी औपचारिकताओं के बाद परिजनों को सौंप दिया गया है। वहीं, करीब 75 लोग लापता बताए जा रहे हैं। हालांकि प्रत्यक्षदर्शियों का दावा है कि अचानक आई बाढ़ में सैकड़ों लोग बह गए होंगे और कई मलबे के नीचे दबे हो सकते हैं।
मृतकों में सीआईएसएफ के दो जवान और स्थानीय पुलिस का एक विशेष पुलिस अधिकारी (स्क्कह्र) भी शामिल है।
14 अगस्त को फटा था बादल
यह आपदा 14 अगस्त दोपहर करीब 12:25 बजे मचैल माता यात्रा मार्ग पर स्थित आखिरी गांव चिशौती में आई। बाढ़ और मलबे की चपेट में एक अस्थायी बाजार, सामुदायिक लंगर, सुरक्षा चौकी और आसपास की बस्तियां आ गईं।
प्रशासन के मुताबिक, कम से कम 16 घर, कई सरकारी इमारतें, तीन मंदिर, चार पनचक्की, 30 मीटर लंबा पुल और एक दर्जन से ज्यादा वाहन क्षतिग्रस्त हो गए।
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