तो केवल दिखावे की सुविधा है उपजिला चिकित्सालय का आईसीयू वार्ड

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आईसीयू वार्ड संचालन के लिए नहीं हैं मूलभूत सुविधाएं
राजीव खत्री
श्रीनगर।
राजकीय उप जिला अस्पताल मेंं आईसीयू (गहन देखभाल इकाई) सुविधा यहां भर्ती गंभीर मरीजों के किसी काम की नहीं आ रही है। आईसीयू में वेंटीलेटर्स चलाने के लिए यहां ना तो ऑक्सीजन प्लांट हैं और ना ही प्रशिक्षित स्टाफ। जिससे आईसीयू वार्ड केवल दिखावे की सुविधा रह गई है। कुछ दिन पूर्व ही उप जिला अस्पताल श्रीनगर में 5 बेडेड आईसीयू वार्ड स्थापित किया गया है।
गत 25 मई को उच्च शिक्षा एवं आपदा प्रबंधन मंत्री डा. धन सिंह रावत ने इसका आधे-अधूरे में ही लोकार्पण भी कर दिया। स्थिति यह है कि लोकार्पण के बाद से आईसीयू वार्ड में ताला लटका हुआ है। राजकीय उपजिला चिकित्सालय का आईसीयू वार्ड मरीजों के लिए केवल दिखावे की चीज भर है। यहां आईसीयू वार्ड तो बना दिया गया है लेकिन आईसीयू वार्ड संचालन के लिए जिन मूलभूत संसाधनों की आवश्यकता होती है। उसका ध्यान रखा ही नहीं गया। आईसीयू में गंभीर रोगियों को रखा जाता है। जिनकी 24 घंटे निगरानी की जाती है। रोगियों को कृत्रिम रूप से सांस देने के लिए वेंटीलेटर में रखा जाता है। वेंटीलेटर में ऑक्सीजन सप्लाई ऑक्सीजन सिलेंडर से नहीं हो सकती है। क्योंकि इसको चलाने के लिए ज्यादा प्रेशर और अधिक मात्रा में ऑक्सीजन की जरुरत होती है। आईसीयू की मशीन संचालित करने के लिए प्रशिक्षित स्टाफ की जरुरत होती है। लेकिन उप जिला अस्पताल में न तो अभी ऑक्सीजन प्लांट है और न ही मशीन चलाने के लिए प्रशिक्षित स्टाफ। जिससे अस्पताल प्रबंधन इसआईसीयू वार्ड का फायदा मरीजों को नहीं दे पा रहा है। आईसीयू वार्ड में लोकापर्ण के बाद से ही ताला लटका हुआ है। वर्तमान में मेडिकल कॉलेज में कोविड के अलावा अन्य सेवाएं बंद होने की वजह से प्रसव, ऑपरेशन और गंभीर रोगियों का उपचार उप जिला अस्पताल मेंं हो रहा है। जिनको कई बार आईसीयू में भर्ती करने की जरुरत पड़ रही है। बीते 31 मई को अस्पताल में आईसीयू बेड न मिलने से एक गर्भवती महिला की मौत हो गई थी।
डा. गोविंद पुजारी, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक उप जिला अस्पताल श्रीनगर का कहना है कि आईसीयू सामान्य रुप से संचालित हो रहा है। वेंटीलेटर्स चलाने के लिए आरवीएनएल की मदद से ऑक्सीजन प्लांट लगाने का प्रस्ताव है। इसके अलावा मशीन चलाने के लिए कुछ कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिलवाया जाएगा।

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