जगह-जगह अतिक्रमण के कारण संकरी हुई शहर की नालियां
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : शहर में वर्षाकाल निकासी के लिए बनाई गई नालियां अतिक्रमण की जद में हैं। ऐसे में वर्षाकाल के दौरान शहर की सड़कें तालाब बन सकती है। हालत यह है कि कई स्थानों पर तो पक्के निर्माण से नालियों का अस्तित्व ही खत्म हो गया है। वर्तमान में भी हल्की बरसात के दौरान सड़कें तालाब बन रही हैं।
वर्षाकाल के दौरान जल भराव न हो, इसके लिए नगर निगम नालियों की सफाई करवा रहा है। लेकिन, असल में जल भराव का मुख्य कारण वर्षा जल निकासी के लिए बनाई नालियों का संकरा होना है। दरअसल, कई वर्ष पूर्व नालियां दो-दो फुट से अधिक होती थी, जिससे वर्षा जल आसानी से निकल जाता था। लेकिन, समय के साथ लोगों ने सड़क किनारे अतिक्रमण करते हुए नालियों के अस्तित्व को ही ढक दिया है। ऐसे में नगर निगम भले ही नालियों की सफाई कर लें। लेकिन, संकरी नालियों से वर्षा का बेहतर तरीके से निकालना एक चुनौती है। हालत यह है कि बदरीनाथ मार्ग से आने वाली दो फुट चौड़ी नाली झंडाचौक में आधा फुट की हो गई है। अतिक्रमणकारियों ने इस नाले पर भी अतिक्रमण कर दिया गया है। हल्की वर्षा होने पर झंडाचौक में जल भराव हो जाता है, जिसे कारण पूरे बाजार की व्यवस्था बिगड़ जाती है। स्टेशन रोड के लिए निकलने वाली नाली की भी यही स्थिति है। ऐसे में स्टेशन मार्ग पर जल भराव की स्थिति बनी रहती है। नजीबाबाद रोड में तो कई लोगों ने नाली के ऊपर ही पक्का निर्माण करवाया दिया है। ऐसे में हल्की वर्षा होने पर ही जल भराव हो जाता है। लकड़ीपड़ाव क्षेत्र में सबसे बुरी स्थिति बनी हुई है। यहां कई स्थानों पर अतिक्रमण के कारण नालियों का अस्तित्व ही गायब हो गया है। ऐसे में यदि नालियों में एक पालीथिन भी फंस जाए तो पूरी शहर पानी-पानी हो जाता है।
लापरवाह बना निगम
शहर में अतिक्रमणकारी सड़क किनारे नालियों में पक्का निर्माण करवाते जा रहे हैं। बावजूद नगर निगम लापरवाह बना हुआ है। कुछ सप्ताह पूर्व पदमपुर के वार्डवासियों ने नगर निगम से अपने क्षेत्र में नालियों में हो रहे अवैध निर्माण की बात कही थी। लेकिन, नगर निगम के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर स्थिति में बारे में जानने की भी सुध नहीं ली। यदि समय रहते इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले समय में स्थिति और अधिक विकराल हो सकती है।