उत्तराखंड

दिल्ली-दून एक्सप्रेस-वे रू आशारोड़ी में पेड़ काटने के विरोध में दून के सामाजिक संगठन एकजुट

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

देहरादून। दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे के लिए दून के आशारोड़ी में साल समेत अन्य बहुमूल्य पेड़ काटे जाने का दून के पर्यावरण प्रेमियों के साथ ही तमाम संगठनों ने विरोध तेज कर दिया है। एक साथ कई संगठनों ने मुहिम को समर्थन दिया है।
सिटीजन फर ग्रीन दून के साथ उत्तराखंड महिला मंच, संयुक्त नागरिक संगठन सहित कई संगठनों ने विरोध जताया है। शनिवार दोपहर को उत्तरांचल प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकारवार्ता में पर्यावरणविद् रवि चोपड़ा सहित अन्य लोगों ने इसमे आम लोगों को शामिल होने की अपील की। सिटीजन फर ग्रीन दून के सचिव हिमांशु अरोड़ा ने बताया कि वो आगे भी अपना अभियान जारी रखेंगे। सरकार से अपील की के वो केवल कुछ मिनट बचाने के लिए 100 साल पुराने साल के हरे-भरे वृक्ष ना काटे।
इससे पहले काटे जा रहे पेड़ों के विरोध में चल रहे चिपको आंदोलन को भी पर्यावरणविद् रवि चोपड़ा ने समर्थन दिया। बुधवार को चोपड़ा पेड़ काटने का विरोध करने पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि आशारोड़ी से मोहंड तक जो भी साल के जंगल हैं, वे कई मायनों में अनोखे हैं। एक तो ये प्रातिक रूप से उगे हैं। क्योंकि साल का पौधा नर्सरी में तैयार नहीं किया जा सकता। दूसरा यहां राजाजी पार्क वाले इलाके में हाथी, बाघ, कोबरा और एक विशेष प्रकार का पक्षी पाया जाता है, जो कि इसके आगे पूरे एशिया में कहीं देखने को नहीं मिलेगा। ऐसे में इनके आवास उजाड़ना पर्यावरण के साथ जैव विविधता के लिए एक बड़ा खतरा है। उन्होंने इस सड़क का निर्माण बंद करने की मांग की। ये भी कहा कि ये जंगल भूजल रीचार्ज का एक बड़ा स्रोत हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!