उत्तराखंड

समाज कल्याण विभाग ने किया कोचिंग इंस्टीट्यूटों का सर्वे

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बागेश्वर। अनुसूचित जाति के छात्र-छात्राओं को जिले में ही बेहतर कोचिंग मिले इसके लिए समाज कल्याण विभाग ने अपनी तैयारी तेज कर दी है। विभाग के तीन अधिकारियों ने यहां के इंस्टीट्यूटों का निरीक्षण किया है। निरीक्षण रिपोर्ट शासन को भेजेंगे। मानक की कसौटी खरा उतरने वाले इंस्टीट्यूट को चुना जाएगा। जो कमी होगी वह इंस्टीट्यूट संचालकों को दी जाएगी। मालूम हो कि 27 सितंबर 2022 को निदेशक बीएस फिरमाल ने एक पत्र जारी किया था। पत्र में जनपदवार ऐसे कोचिंग संस्थान खोजे जाने हैं, जिनका विगत तीन सालों से प्रतियोगी परीक्षाओं में परीक्षाफल उच्च कोटि का रहा हो। इसके अलावा संस्थान के आधारभूत ढांचा (संस्थान तथा फर्नीचर, स्मार्ट बोर्ड, कंप्यूटर, बायोमैट्रिक उपस्थिति, सीसीटीवी, छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग शौचालय, लाइब्रेरी, इंटरकनेक्शन की स्थिति) की अनिवार्यता रखी गई है। इसी आदेश का पालन करने के लिए इन दिनों अपर निदेशक समाज कल्याण एनएस डुंगरियाल, उप निदेशक पीएस बृजवाल जिले के भ्रमण पर हैं। चम्पावत के बाद दोनों अधिकारी बागेश्वर पहुंचे। जिला समाज कल्याण अधिकारी हेम चंद्र तिवारी के साथ उन्होंने बागनाथ कोचिंग सेंटर, आयुष कोचिंग सेंटर तथा एम्बीट कोचिंग सेंटर का सर्वे किया। इसके बाद मुख्य शिक्षा अधिकारी गजेंद्र सोन से भी फीड बैक लिया। जिला समाज कल्याण अधिकारी तिवारी ने बताया कि सरकार की मंशा है कि एससी वर्ग के युवाओं को नदजीक में कोचिंग दिलाने के लिए नई पलिसी बनाई है। इसी के तहत यह सर्वे किया गया है। सर्वे रिपोर्ट टीम शासन को भेजेगी।

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