हिमालय बचाने को एकजुटता जरूरी

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : प्रखंड रिखणीखाल के अंतर्गत राजकीय महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई की तरफ से हिमालय दिवस के उपलक्ष्य में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें हिमालय के पारिस्थितिकी तंत्र, जैव विविधता और जलवायु परिवर्तनों के प्रभाव को लेकर चर्चा की गई। कहा कि वर्तमान में हिमालय को कई प्रकार के संकटों से गुजरना पड़ रहा है, जिसका संरक्षण किया जाना जरूरी है।
कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. मनोज उप्रेती ने किया। कार्यक्रम अधिकारी डा. भारती ने कहा कि हिमालय दिवस मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य हिमालय को बचाया जाना है। कहा कि वर्तमान में अंटार्किटिका व आर्कटिक के बाद हिमालय दुनियाभर में तीसरा बड़ा हिम संचय क्षेत्र है। कहा कि वर्तमान में बिगड़ते पारिस्थितिक तंत्र के कारण ही पर्वतीय क्षेत्रों में भयंकर आपदाएं आ रही है। कहा कि उत्तरकाशी के धराली, चमोली में आपदा की घटनाएं इसी का परिणाम है। कहा कि जलवायु परिवर्तन, प्लास्टिक अपशिष्ट, ग्लेशियर झीलों का खतरा, वर्षा व बर्फवारी में बदलाव, समुद्रतल की ऊंचाई बढ़ने से हिमालय पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।

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