चमोली : अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कर्णप्रयाग की अदालत ने शुक्रवार को मां की हत्या के दोषी बेटे को आजीवन कारावास और 25 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। जुर्माना जमा न करने पर दोषी को एक साल का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा। कर्णप्रयाग के सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सुधीर राणा ने बताया कि 27 जनवरी 2022 को वादी/दोषी के छोटे भाई की पत्नी उर्मिला देवी ने सुबह चार बजे अपनी सास चंपा देवी के कमरे से शोर शराबे की आवाज सुनी। जैसे ही वह बाहर आई तभी अभियुक्त कलमराम अपनी छोटी बेटी को उसके कमरे के बाहर रोता हुआ छोड़कर घर से फरार हो गया। तब उर्मिला देवी पड़ोसियों को साथ लेकर अपनी सास के कमरे में गई तो वहां देखा कि मृतका चंपा देवी का शव खून से लथपत पड़ा हुआ था और उसके ऊपर कंबल रखी है। फिर नलधूरा के पटवारी को घटना की सूचना व तहरीर दी गई। जिस पर पटवारी घटना स्थल पर पहुंचे और चंपा देवी के शव का पोस्टमार्टम कर हत्या के आरोप में मृतका के बेटे कलमराम, ग्राम खेतामानमती (कोलियागैर) तहसील देवाल को गिरफ्तार किया। उसके बाद पुलिस ने 28 अप्रैल 2022 को कोर्ट में कलमराम के खिलाफ हत्या की धारा में आरोप पत्र दाखिल किया। अदालत में करीब चार साल के विचारण के दौरान मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से 13 गवाहों के लिखित बयान दर्ज करवाए गए। दोनों पक्षों के वकीलों की बहस सुनने के बाद शुक्रवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कर्णप्रयाग विनोद कुमार की अदालत ने कलमराम को मां चंपा देवी की हत्या का दोषी पाते हुए आजीवन कारावास और 25 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि दोषी कलमराम घटना के बाद से जेल में है। (एजेंसी)