उत्तराखंड

बेटे के हत्यारे 14 माह बाद भी बेख़ौफ़ घूम रहे खुलेआम

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-गरीब पीड़ित पिता न्याय पाने को काट रहा पुलिस के आला अधिकारियों के चक्कर
-पीड़ित पिता बोला नामजद युवकों का है अपराधिक इतिहास
– पुलिस की धीमी गति जांच पर भी उठ रहे सवालिया निशान
रुड़की। गरीब पिता अपने बेटे को न्याय दिलाने के लिए थाना कोतवाली से लेकर पुलिस के आला अधिकारियों के जहां चक्कर काटने को मजबूर है तो वही इतना लंबा समय गुजर जाने के बाद भी मामले में पुलिस की इस धीमी गति जांच पर भी अब तो सावलिया निशान उठने लगे। बेटे के हत्यारे बेखौफ खुलेआम घूम रहे हैं। लेकिन इसके बावजूद भी पुलिस हत्यारो को पकड़ना तो दूर उनकी आज तक पहचान भी करना मुनासिब नहीं समझ पाई है। पीड़ित पिता पुलिस के आला अधिकारियों को अपनी आप बीती बताते बताते अब तो थक सा गया है लेकिन इसके बावजूद भी पुलिस के आला अधिकारियों का दिल अभी तक पसीजा नहीं है।
मामला है मंगलौर कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत ग्राम थीथकी क्वादपुर हाल निवासी झबरेड़ा रोड निकट बिजली घर कुरडी मंगलौर का। पीड़ित पिता राजपाल धीमान ने मीडिया से रूबरू होते हुए बताया कि 28 जुलाई 2023 को शाम के समय उसके पुत्र वीशू कुमार उम्र 22 को चार युवक घर से बुलाकर ले गए थे जो की देर शाम तक भी घर नहीं पहुंचा था इसके बाद परिजनों को चिंता हुई और उन्होंने अपने पुत्र की आसपास तलाश की थी। जिस दौरान उन्हें मालूम हुआ कि मंगलौर के गंगनहर पुल के पास युवको ने उसके साथ मारपीट करते हुए उसे नहर में फेंक दिया और इससे पहले की इसकी भनक किसी को लग पाती वह वहां से भाग निकलने में कामयाब रहे। जबकि वहां पर होमगार्ड मौजूद था और उसने इस मामले की सूचना मंगलौर कोतवाली पुलिस को फोन के द्वारा दी थी। इस दौरान पीड़ित पिता ने भी मामले को लेकर मंगलौर कोतवाली पुलिस को सूचना दी और अगले दिन यानी 29 जुलाई 2023 को मंगलौर कोतवाली पहुंचकर पीड़ित पिता ने दो युवकों को नामजद और दो अज्ञात के खिलाफ हत्या करने की तहरीर पुलिस को दी थी। इसी बीच 5 दिन बाद उत्तर प्रदेश के थाना भोपा अंतर्गत आने वाले निरगाजनी पावर हाउस से उत्तर प्रदेश की पुलिस ने पीड़ित के पुत्र वीशू कुमार का कपड़े पहने सहित शव बरामद किया था। जिसका पोस्टमार्टम उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के सरकारी अस्पताल में हुआ था। पीड़ित पिता तभी से तहरीर में दिए गए नामजद युवकों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग को लेकर मंगलौर कोतवाली के चक्कर काट रहा था। हत्या के लगभग एक माह तीन दिन बाद पुलिस ने पीड़ित पिता की तहरीर पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस तभी से मामले की जांच करना बता रही है जबकि मामले में लगभग 14 माह का लंबा समय गुजर गया है लेकिन मंगलौर कोतवाली पुलिस आरोपियों को पकड़ना तो दूर उनकी पहचान भी नहीं कर पाई है। पीड़ित पिता का आरोप है कि हत्यारे बेखौफ होकर खुलेआम घूम रहे हैं। पीड़ित पिता का आरोप है कि उसके पुत्र की हत्या कराई गई है जो की एक जांच का विषय है लेकिन इस पर भी पुलिस ने अपनी चुप्पी साध रखी है। पीड़ित पिता का कहना है कि उसके पुत्र की जब से हत्या हुई है तब से अब तक चार कोतवाल आकर जा चुके हैं इतना ही नहीं सीओ भी दूसरे आ गये हैं। लेकिन इसके बावजूद भी उसके बेटे के हत्यारे आज भी खुलेआम घूम रहे हैं। पुलिस की इस धीमी गति की चाल पर अब तो सवालिया निशान उठना भी लाजमी होता दिखाई दे रहा है। 14 माह का लंबा समय गुजर जाने के बाद भी पुलिस आज तक इस हत्याकांड से क्यों पर्दा नहीं उठा पाई है यह तो अभी एक रहस्य बना हुआ है लेकिन पुलिस के आला अधिकारियों को मामले की लगभग लगभग पीड़ित पिता द्वारा जानकारी दे चुका है लेकिन इसके बावजूद भी पुलिस की इस धीमी गति चाल से पिता भी पुलिस के आला अधिकारियों के चक्कर काटते काटते अब तो थक सा गया है। वहीं बता दे कि एसएसपी परमेंद्र सिंह डोभाल ने मामले में संज्ञान लेते हुए पीड़ित को आस्वस्थ करते हुए आरोपियों की पोलियोग्राफ टेस्ट और उनके उस समय के मोबाइल नंबरों की लोकेशन सीडीआर निकालने के आदेश दे रखे हैं। जिससे इस हत्याकांड से पर्दा उठ सके कि घटना किसने की है और किसने कराई। यह तो अभी मंगलौर कोतवाली पुलिस को ही पता होगा कि उसने एसएसपी के आदेश पर कितना अमल किया है और यदि अमल किया है तो आरोपियों के नंबरों की लोकेशन सीडीआर निकलवाई है तो उसमें क्या साफ हुआ है और क्या नहीं। वही बताया गया है कि आरोपियों के पोलियोग्राफ टेस्ट को लेकर भी एक तारीख किन्हीं कारणों के चलते मिस कर दी गई है। अब बताया जा रहा है कि 23 सितंबर 2024 को आरोपियों का पोलियोग्राफ टेस्ट होना है। अब देखना होगा कि पोलियोग्राफ टेस्ट में पुलिस कितनी कामयाब हो पाती है और इस हत्याकांड से कितनी जल्दी पर्दाफाश हो पाता है। यह तो आने वाला समय ही बताएगा। फिलहाल पीड़ित पिता मृतक बेटे को न्याय दिलाने के लिए दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर है।

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