स्पीकर बिरला ने बदले शपथ के नियम, शपथ के समय नारे लगाने या कुछ और बोलने पर लगाई रोक
नई दिल्ली , 18 वीं लोकसभा के पहले सत्र के दौरान एआईएमआईएम मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने संसद सदस्यता की शपथ लेने के बाद सदन में ह्यजय भीम, जय मीम, जय तेलंगाना और सबसे आखिर में ह्यजय फिलिस्तीनह्ण का नारा लगा कर एक नया विवाद खड़ा कर दिया था। ओवैसी के अलावा कई अन्य सांसद भी संसद सदस्यता की शपथ लेने से पहले या बाद में सदन में नारे लगाते हुए भी नजर आए। इस पर विवाद बढऩे के बाद अब लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने सांसदों के शपथ ग्रहण को लेकर नियम को बदलते हुए इसे और ज्यादा कठोर बना दिया है।नए नियम के मुताबिक, अब भविष्य में शपथ लेने वाले निर्वाचित सांसदों को संविधान के अंतर्गत शपथ के प्रारूप के अनुसार ही शपथ लेना होगा। अब सांसद शपथ लेते समय न तो नारे लगा पाएंगे और न ही अपने शपथ में कोई और शब्द जोड़ पाएंगे।
लोकसभा अध्यक्ष के निर्देश के मुताबिक, लोकसभा में प्रक्रिया और कार्य संचालन के नियमों (सत्रहवें संस्करण) के नियम 389 में बदलाव कर दिया गया है। नियम 389 के निर्देश-1 में खंड झ्र 2 के बाद अब एक नया खंड-3 जोड़ा गया है। इसके मुताबिक, एक सदस्य भारत के संविधान की तीसरी अनुसूची में इस उद्देश्य के लिए निर्धारित प्रपत्र के अनुसार, ही शपथ लेगा और उस पर हस्ताक्षर करेगा। शपथ के साथ उपसर्ग या प्रत्यय के रूप में कोई भी टिप्पणी या किसी भी अन्य शब्द या अभिव्यक्ति का उपयोग नहीं करेगा।