देहरादून। एससी एसटी इम्पलाईज फैडरेशन ने गुरुवार को मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन को ज्ञापन सौंपा। सभी विभागों में बैकलॉग के पदों पर भर्ती को तत्काल अभियान चलाने को दबाव बनाया। जल्द जस्टिस इरशाद हुसैन आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग की। फैडरेशन के अध्यक्ष करमराम ने कहा कि कहा कि 19 मार्च 2020 को कार्मिक विभाग ने विभागों में बैकलॉग के खाली पदों को भरने को अभियान चलाने का निर्णय लिया था। आज तक इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की गई है। भर्ती आयोगों के स्तर से जो भी विज्ञप्ति जारी की जा रही हैं, उसमें एससी एसटी के पदों के निर्धारित मानकों के अनुसार गणना नहीं की जा रही है। निर्धारित आरक्षण से कम पदों की विज्ञप्ति जारी हो रही है। कहा कि शिक्षा विभाग में बीआरपी, सीआरपी के 950 पदों पर की जा रही नियुक्तियों में निर्धारित रोस्टर के अनुसार आरक्षण का पालन कराया जाए। शिक्षा विभाग में चतुर्थ श्रेणी के 2400 पदों पर की जा रही नियुक्तियों में भी आरक्षण का पालन हो। सात फरवरी 2020 को सुप्रीम कोर्ट के पारित आदेश के क्रम में इरशाद हुसैन आयोग की रिपोर्ट को सार्वजनिक कर उसे लागू किया जाए। उपनल की भर्ती में भी आरक्षण लागू नहीं किया जा रहा है। ऐसे में यदि भविष्य में उपनल कर्मियों को नियमित किया जाता है, तो इससे एससी एसटी वर्ग के युवाओं को बड़ा नुकसान होगा। संविदा, आउटसोर्स भर्ती में भी आरक्षण लागू किया जाए। विभागों में समाप्त हो ठेकेदारी प्रथा अध्यक्ष करमराम ने कहा कि विभागों में ठेकेदारी प्रथा समाप्त की जाए। सफाई कर्मियों के पदों को बहाल किया जाए। चतुर्थ श्रेणी के एससी एसटी कर्मचारियों को तृतीय श्रेणी पद पर पदोन्नति दी जाए। राजकीय सेवा में ओबीसी का निर्धारित आरक्षण जनसंख्या के आधार पर किया जाए। ओबीसी को भी पदोन्नति में आरक्षण का लाभ दिया जाए। अक्तूबर 2005 के बाद नियुक्त कार्मिकों को पुरानी पेंशन का लाभ दिया जाए। एससी एसटी कार्मिकों की शिकायतों के निस्तारण को तहसील स्तर पर एसडीएम की अध्यक्षता में शिकायत निवारण समिति गठित हो। नौ नवंबर 2000 को जनजाति का रोस्टर शून्य मान कर उस तारीख से ही सीधी भर्ती, पदोन्नति में जनजाति का रोस्टर शुरू किया जाए।