अकादमिक विशिष्टता के लिए विशेष प्रयास जरूरी : प्रो़ सुरेखा

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देहरादून। आज तकनीकी ने पूरी दुनिया की तस्वीर बदल दी है, जिससे शिक्षा जगत सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। हमें तकनीकी का सम्यक प्रयोग कर संस्थाओं की अकादमिक विशिष्टता के लिए कार्य करना होगा। ये बात दून विश्वविद्यालय के सीनेट सभागार में नैड, एबीसी और डिजी लकर पर दो दिवसीय कार्यशाला के दौरान विवि की कुलपति प्रो़ सुरेखा डंगवाल ने कही। उन्होंने यूजीसी के संयुक्त सचिव ड़ प्रदुम्न जोशी, नैड के राष्ट्रीय समन्वयक ड. गौरव खरे तथा निदेशक उच्च शिक्षा प्रो़ सीडी सूठा के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया। ड़ तेजस प्रद्युम्न जोशी ने कहा कि उत्तराखण्ड का शिक्षा के क्षेत्र में एक विशेष स्थान है और इसे हर संभव सहायता प्रदान कि जाएगी। डा. गौरव खरे ने कहा कि डीजी लाकर और एबीसी राज्य के दूरस्थ क्षेत्र के छात्रों के लिए अत्यंत उपयोगी है। प्रो़ सूठा ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों के अनुरूप नैड, एबीसी और डिजी लकर पर पंजीकरण और प्रभावी क्रियान्वयनको और तीव्र किया जाएगा। इस कार्यशाला राज्य में सभी केन्द्रीय विश्वविद्यालय, समस्त राज्य विश्वविद्यालय, निजी विश्वविद्यालय, आईआईटी, आईआईएम, एनआईटी, एम्स और सभी डीम्ड विवि अनलाइन और अफलाइन माध्यम से प्रतिभाग कर रहे हैं। इस दौरान सहायक निदेशक उच्च शिक्षा व नोडल अधिकारी प्रो़ दीपक कुमार पांडे, प्रो़ एमएसएम रावत, प्रो़क केडी पुरोहित, कुलसचिव ड़ मंगल सिंह मन्द्रवाल, संयुक्त निदेशक उच्च शिक्षा डा़ एएस उनियाल, उपनिदेशक ममता नैथानी आदि मौजूद रहे।

 

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