चैत्र नवरात्रि में मां ज्वाल्पा का विशेष पाठ आज से
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : ज्वाल्पा धाम में चैत्र नवरात्रि का विशेष पाठ मंगलवार से प्रारंभ होगा। यह पाठ मां ज्वाल्पा देवी मंदिर समिति की ओर से करवाया जा रहा है। इस दौरान समिति ने भक्तों से सहयोग की भी अपील की।
चैत्र शुक्लपक्ष प्रतिपदा को सनातन धर्मावलंबी लोग पौरुषपूर्ण, लोककल्याणकारी एवं न्यायप्रिय सनातनी राजा वीर विक्रमादित्य के राज्यारोहण दिवस को विगत 2080 वर्षों से मनाता आया है। यद्यपि इस दिन को मानने के कुछ और भी आधार हैं, जिनमें से एक महत्वपूर्ण आधार है चैत्र नवरात्रि। इस वर्ष नवरात्रि 9 से 17 अप्रैल के मध्य है। ज्वाल्पा धाम में नवरात्रि में पराम्बा मां ज्वाल्पा का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए नियमित रूप से दुर्गा सप्तशती का वैदिक विधान से पूजा पाठ करने की व्यवस्था को अंतिम रूप दिया जा चुका है। मंदिर समिति के मुख्य सचिव रमेश थपलियाल ने बताया कि श्री ज्वाल्पा देवी मंदिर समिति एवं श्री ज्वाल्पा देवी सिद्धपीठ पूजा समिति द्वारा संयुक्त रूप से नवरात्रि पूजा पाठ का आयोजन किया जा रहा है। मुख्य पंडित की भूमिका निभाएंगे पंडित भास्कर ममगाईं, उनके साथ अन्य पुजारी भी होंगे। गुरुकुल पद्धति से संस्कृत शिक्षा प्राप्त कर रहे ज्वाल्पा धाम के विद्यार्थियों को इस दौरान व्यावहारिक ज्ञान भी मिलता है। सिद्धपीठ पूजा समिति की ओर से अध्यक्ष सतीश अणथ्वाल (सपत्नी) एवं मंदिर समिति की ओर से रमेश थपलियाल, मुख्य सचिव (सपत्नीक) पूजा अनुष्ठान में मुख्य यजमान की भूमिका निभाएंगे। नवरात्रि के दौरान दुर्गादेवी के नौ रूपों की विशेष पूजा की जाती है। प्रथम दिन शैलपुत्री, दूसरा दिन ब्रह्मचारिणी, तीसरा दिन चंद्रघंटा, चौथा दिन कूष्मांडा, पांचवां दिन स्कंधमाता, छठें दिन कात्यायनी, सातवां दिन कालरात्रि, आठवां दिन महागौरी और नौवां दिन सिद्धिदात्री के नाम समर्पित होता है। नवरात्रि में ज्वाल्पा धाम में श्रद्धालुओं की चहल पहल भी बढ़ जाती है।