जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी : श्रीनगर में अलकनंदा नदी के किनारे अत्याधुनिक आठ लेन का सिंथेटिक ट्रैक निर्माणाधीन है, जिसे शीघ्र ही खिलाड़ियों के लिए समर्पित किया जाएगा। श्रीनगर में 8 करोड़ 87 लाख की लागत से निर्मित स्पोट्र्स स्टेडियम को रेल विकास निगम लिमिटेड द्वारा बनाकर खेल विभाग को हस्तांतरित किया गया है। वर्तमान में यहां 400 मीटर का आठ लेन का सिंथेटिक ट्रैक बिछाया जा रहा है, जो अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार तैयार किया जा रहा है। जिला क्रीड़ा अधिकारी संदीप डुकलान ने बताया कि खेल परिसरों के निर्माण और संचालन से न केवल जिले में खेल गतिविधियों को गति मिलेगी, बल्कि युवाओं को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रतिभा दिखाने का बेहतर अवसर भी मिलेगा। यह प्रयास पौड़ी को राज्य के एक प्रमुख खेल हब के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
जिला क्रीड़ा अधिकारी संदीप डुकलान ने बताया कि जिले में खेल गतिविधियों को सशक्त बनाने के लिए सरकार उच्च गुणवत्ता की खेल संरचनाओं का निर्माण करवा रही है। इस दिशा में करोड़ों रुपये की लागत से ऐसे स्टेडियम तैयार किए जा रहे हैं जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरे उतरते हैं। बताया कि पौड़ी में शहीद राइफलमैन जसवंत सिंह रावत स्पोट्र्स स्टेडियम, रांसी को एक हाई एल्टीट्यूड सेंटर के रूप में विकसित किया गया है। इस स्टेडियम का नाम परमवीर चक्र विजेता महावीर चक्र विजेता राइफलमैन जसवंत सिंह रावत के सम्मान में रखा गया है। वर्ष 2021 में इस स्टेडियम के विस्तारीकरण के लिए 22 करोड़ 29 लाख 47 हजार रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई। इस राशि से 400 मीटर लंबा छ: लेन का सिंथेटिक ट्रैक, इंडोर टेबल टेनिस हॉल, इंडोर बैडमिंटन हॉल और 36 बेड का छात्रावास निर्मित किया गया। यह सभी सुविधाएं खिलाड़ियों को एकीकृत प्रशिक्षण और आरामदायक आवास प्रदान करती हैं, जिससे उनकी तैयारी और प्रदर्शन में सुधार होता है। बताया कि रांसी स्टेडियम में नियमित रूप से खेल प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जाते हैं। 38वें राष्ट्रीय खेलों से पूर्व भी यहां विशेष प्रशिक्षण शिविर लगाया गया था, जिसमें जिले और राज्य के होनहार खिलाड़ियों को प्रशिक्षित किया गया। स्टेडियम के समीप बना छात्रावास भी खिलाड़ियों की सुविधा में बड़ी भूमिका निभा रहा है। वहीं, श्रीनगर में आठ करोड़ 87 लाख रुपये की लागत से निर्मित स्पोट्र्स स्टेडियम को रेल विकास निगम लिमिटेड द्वारा बनाकर खेल विभाग को हस्तांतरित किया गया है। वर्तमान में यहां 400 मीटर का आठ लेन का सिंथेटिक ट्रैक बिछाया जा रहा है, जो अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार तैयार किया जा रहा है।