कर्मचारियों एवं शिक्षकों ने की गोल्डन कार्ड की खामियों को दूर करने की मांग
देहरादून। उत्तराखंड के सरकारी कर्मचारी और शिक्षक राज्य सरकार से लगातार गोल्डन कार्ड की खामियों को दूर करने की मांग पर अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं। पर, अब तक कोई सुधार नहीं होने से कर्मचारियों में रोष व्याप्त है। जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित कर कार्ड की विसंगतियां दूर होने तक कर्मचारियों एवं शिक्षकों के वेतन से हर माह लिए जा रही अंशदान कटौती पर रोक लगाने की मांग की है।
संघ के प्रदेश महामंत्री राजेंद्र बहुगुणा ने के कहा कि गोल्डन कार्ड की विसंगतियां दूर करने के लिए स्वाथ्य प्राधिकरण ने शिक्षक और कर्मचारियों के साथ कुछ माह पूर्व बैठक कर कर्मचारियों को हो रही परेशानियों पर फीडबैक व सुझाव लिए थे। लेकिन अब तक न तो प्राधिकरण और न ही सरकार की ओर से किसी भी समस्या के निदान के लिए कोई भी कदम उठाया गया है।
बहुगुणा ने कहा कि प्राधिकरण के साथ वास्तविक और संवेदनशील मुद्दों पर सहमति एवं कार्यवृत जारी होने के बावजूद यह अनदेखी होना चिंतनीय है। पर्याप्त धनराशि जमा करने के बाद भी स्वास्थ्य प्राधिकरण और सरकार द्वारा कोई लाजमी कदम नहीं उठाया जाना सरकार की गंभीरता को दिखता है। उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि कोरोना का इलाज करवाने में गोल्डन कार्ड का इस्तेमाल नहीं हो पा रहा इससे ज्यादा शर्मनाक क्या होगा।
उन्होंने कहा कि अब तक शिक्षक-कर्मचारियों से करोड़ों रुपए की वसूली करने के बाद भी गोल्डन कार्ड की खामियां दूर नहीं होना निराशाजनक है, गोल्डन कार्ड को सरकार कर्मचारियों से धन वसूली का जरिया बना चुकी है। उन्होंने राज्य सरकार से जल्द से जल्द गोल्डन कार्ड की सभी विसंगतियों को दूर करने, कोरोना ड्यूटी कर रहे सभी शिक्षक और कर्मचारियों को कोरोना वारियर घोषित करने एवं सभी का बीमा करवाने की मांग की।