नई दिल्ली , एलन मस्क की महत्वाकांक्षी सैटेलाइट-आधारित इंटरनेट सर्विस स्टारलिंक को आज तड़के एक बड़े वैश्विक आउटेज का सामना करना पड़ा। एक तकनीकी खामी के चलते स्टारलिंक का सर्वर डाउन हो गया, जिससे अमेरिका और यूरोप समेत दुनिया के 140 देशों में इंटरनेट सेवाएं ठप हो गईं। सैटेलाइट इंटरनेट के लिए यह एक दुर्लभ ग्लोबल आउटेज माना जा रहा है, क्योंकि यह सर्विस अपनी भरोसेमंद कनेक्टिविटी के लिए जानी जाती है।
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह समस्या स्टारलिंक के इंटरनल सॉफ्टवेयर में आई एक तकनीकी खामी की वजह से हुई। सॉफ्टवेयर फेल होने के कारण दुनिया भर में हजारों यूजर्स के डिवाइस राउटर अचानक ऑफलाइन हो गए और उनकी कनेक्टिविटी टूट गई। इंटरनेट सेवाओं को ट्रैक करने वाली वेबसाइट ‘डाउनडिटेक्टरÓ के अनुसार, 61,000 से अधिक यूजर्स ने स्टारलिंक की सर्विस में आई इस दिक्कत को रिपोर्ट किया। भारतीय समय के अनुसार, यूजर्स ने शुक्रवार रात करीब 12:30 बजे से समस्याओं की शिकायत करना शुरू कर दिया था।
इस दुर्लभ ग्लोबल आउटेज के कारण स्टारलिंक के 60 लाख से ज्यादा यूजर्स को परेशानी का सामना करना पड़ा। हालांकि, कंपनी की टीमों ने तेजी से काम करते हुए करीब ढाई घंटे की मशक्कत के बाद सेवाओं को फिर से बहाल कर दिया।
यह वैश्विक घटना ऐसे समय में हुई है जब स्टारलिंक भारत में अपनी सेवाएं शुरू करने की तैयारी के अंतिम चरण में है। एलन मस्क की कंपनी को भारत सरकार की ओर से फाइनल अप्रूवल मिल चुका है। अब केवल स्पेक्ट्रम आवंटन का इंतजार है, जिसके पूरा होते ही स्टारलिंक भारत में अपनी सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शुरू कर देगी। इस आउटेज ने भारत में लॉन्च से पहले सर्विस की विश्वसनीयता को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है।