कोटद्वार के जंगलों में आग लगाने वालों की धरपकड़ शुरू, पांच हजार का ईनाम घोषित
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। लैंसडौन वन प्रभाग के अंतर्गत कोटद्वार क्षेत्र के सनेह क्षेत्र के जंगलों में आग लगाने वाले असामाजिक तत्वों की धरपकड़ को वन विभाग मुस्तैद हो गया है। लैंसडौन वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी दीपक सिंह ने कहा कि प्रभाग के अंतर्गत सनेह क्षेत्र में असामाजिक तत्वों द्वारा जंगलों में आग लगाकर वन संपदा को भारी नुकसान पहुंचाया गया है। इन असमाजिक तत्वों की पहचान की जा रही है। ताकि उन पर कार्यवाही की जा सके। उन्होंने कहा कि इसके लिए स्थानीय जनता को वन विभाग का सहयोग करना चाहिए। उन्होंने स्थानीय जनता से अपील की कि वनों में आग लगाने वाले असामाजिक तत्वों की जानकारी उन्हें दे। उचित जानकारी देने वालों को पांच हजार रूपये का नकद ईनाम दिया जायेगा। साथ ही जानकारी देने वाले व्यक्ति की पहचान गोपनीय रखी जायेगी। डीएफओ दीपक सिंह ने कहा कि पर्यावरण और स्थानीय जनता के लिए महत्वपूर्ण वनों को आग लगाकर नुकसान पहुंचाने वालों को किसी भी हालत में बक्शा नहीं जायेगा और उनकी पहचान कर उन पर कठोर कार्यवाही की जायेगी।
रविवार दोपहर को सनेह क्षेत्र के जंगल में अचानक आग लग गई थी। देखते ही देखते आग ने विकराल रूपले लिया था। सूचना पर मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम आग बुझाने में जुट गई थी, लेकिन रात तक भी वन कर्मी आग को नहीं बुझा पाये। सनेह क्षेत्र के जंगल में रात को भी तेजी से आग फैल रही थी। रातभर जंगल जलते रहे। हालांकि वन विभाग ने वनों को आग से बचाने के लिए भारी मशक्त की, लेकिन अभी भी जंगल सुलग रहे हैं। जिससे वातावरण में धुंआ फैल गया है। गर्मी के कारण जंगल में पेड़ों पत्ते सूखे हुए है। जिस कारण आग तेजी से फैल रही थी। रात को टीम ने आग को अधिक फैलने से बचाया, लेकिन जंगल को जलने से पूरी तरह वे नहीं बचा पाए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि एक तरफ कोरोना वायरस संक्रमण का बचाव कराना है। यदि जंगलों की आग काबू नहीं हुई तो पर्यावरण को भारी नुकसान होगा। वहीं, वन्य जीवन भी संकट में आ जाएगा। लैंसडौन वन प्रभाग के डीएफओ दीपक सिंह ने बताया कि आग लगने की सूचना मिलते ही तत्काल मौके पर वन कर्मियों की टीम को भेजा गया था। कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया है।