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स्थापना दिवस पर अभाकिस ने की गोष्ठी आयोजित

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आजादी के दौर से ही था किसानों का देश में अहम योगदान
रुद्रप्रयाग। अखिल भारतीय किसान सभा ने स्थापना दिवस पर तिलवाड़ा में एक गोष्ठी आयोजित की जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाया। कहा कि बीते साढ़े चार महीनों से किसान तीन कृषि कानून को लेकर आंदोलित हैं किंतु केंद्र सरकार सुध लेने के बजाय मौन बैठी है। किसान सभा के जिला उपाध्यक्ष राजाराम सेमवाल की अध्यक्षता में आयोजित गोष्ठी में किसानों ने एकजुट होकर सरकार द्वारा किसान विरोधी नीतियों का विरोध किया। कार्यक्रम में जिला कोषाध्यक्ष अषाढ़ सिंह धिरवाण द्वारा संगठन का झंडारोहण किया गया। इसके बाद सभी कार्यकर्ताओं द्वारा शहीद हुए किसान की याद में शोक सभा की गई जिसमें शहीद हुए किसानों को याद किया गया। गोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में किसान सभा के प्रांतीय महामंत्री एवं पूर्व जिपं अध्यक्ष गंगाधर नौटियाल ने कहा कि किसान सभा की स्थापना 11 अप्रैल 1936 को हुई थी। स्वामी सहजानंद सरस्वती ने किसान सभा की स्थापना की। कहा कि किसान सभा का देश में आजादी के दौर से ही बड़ा योगदान है। तब आजादी का आंदोलन चल रहा था, तब उस दौर में किसान सभा ने देश को गुलामी से मुक्ति दिलाई थी। कहा कि किसान सभा पूंजीपतियों की गुलामी से मुक्ति दिलाने के लिए तीन किसान विरोधी कृषि कानूनों का विरोध कर रही है किंतु साढ़े चार महीने के बाद भी केंद्र की सरकार मौन बैठी है। उन्होंने कहा कि सरकार से आर-पार की लड़ाई को किसान तैयार है। इस मौके पर किसान सभा के कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार की निंदा करते हुए कहा कि यह सरकार पूरी तरह से किसान विरोधी है। इस मौके पर सीटू के जिला मंत्री वीरेंद्र गोस्वामी, आषाढ़ सिंह, मनवर सिंह नेगी, भरत सिंह भंडारी, जय सिंह नेगी, नरेंद्र रावत, कमला देवी, नीलम देवी, कुंवर सिंह बिष्ट, धनलाल, बलवंत लाल, महावीर लाल, गजेंद्र लाल, जगदीश सिंह, गुड्डी देवी आदि मौजूद थे।

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