फांसी की मांग को लेकर प्रदर्शन, पुलिस पर किया पथराव

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : न्यायालय में फैसला आने से पहले भीड़ ने पुलिस प्रशासन द्वारा की गई बैरिकेटिंग को तोड़कर न्यायालय की ओर बढ़ने का प्रयास किया। पुलिस पूरी ताकत से लोगों को अंदर जाने से रोकने का प्रयास कर रही थी। वहीं, भीड़ को इतर-बितर करने के लिए पुलिस ने वाटर कैनन का भी प्रयोग किया। इस दौरान भीड़ में मौजूद कुछ लोगों ने पुलिस पर पथराव किया। जिसमें तीन पुलिस कर्मी घायल हो गए।
शुक्रवार को अदालत के फैसले पर पूरे उत्तराखंड और देश के लोगों की निगाहें टिकी थी। कोटद्वार में इसके लिए पुलिस प्रशासन की ओर से व्यापक सुरक्षा प्रबंध किए गए है। गढ़वाल मंडल के विभिन्न जनपदों से पुलिस फोर्स कोटद्वार बुलाई गई है। अदालत परिसर के बाहर की सड़कों पर बैरिकेटिंग लगाई गई। लेकिन, शुक्रवार सुबह जैसे ही फैसले की घड़ी शुरु हुई बड़ी संख्या में लोग न्यायालय की ओर बढ़ने लगे। कांग्रेस सहित अन्य संगठनों ने आरोपियों को फांसी की सजा दिलवाने के लिए प्रदर्शन किया। बैरिकेटिंग लांघने का प्रयास कर रहे प्रदर्शनकारियों व पुलिस के बीच काफी धक्का-मुक्की भी हुई। जिससे कई प्रदर्शनकारियों को चोट भी आई। इसके बाद उग्र हुए प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने हल्का बल भी प्रयोग किया। इसी दौरान बीईएल, बलभद्रपुर वाले संपर्क मार्ग से होते हुए बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी सुखरो पुल की ओर भी एकत्रित हो गए। प्रदर्शनकारियों पर नजर रखने के लिए पुलिस ने ड्रोन की भी मदद ली। दोपहर एक बजे के बाद अचानक सुखरो पुल की ओर प्रदर्शनकारियों की भीड़ अचानक बढ़ गई और प्रदर्शनकारी बैरिकेटिंग के ऊपर चढ़कर उसे तोड़ने लगे। फैसला आने तक पुलिस व प्रदर्शनकारियों में धक्का-मुक्की होती रही।

आठ घंटे तक बंद रहा आवागमन
शांति व्यवस्था को देखते हुए तडियाल चौक से सुखरों पुल तक मार्ग को पूरी तरह बंद किया गया था। बैरिकेटिंग के साथ ही सड़क पर भारी पुलिस फोर्स तैनात रहा। सुबह सात बजे पुलिस फोर्स मार्ग पर तैनात हो गई थी। इसके बाद आमजन को मार्ग से पैदल चलने की भी इजाजत नहीं थी। जिसके कारण आवागमन करने वालों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। मुख्य मार्ग बंद होने के कारण कोटद्वार भाबर को जाने वाले लोग आरटीओ चौराह मार्ग से आवागमन कर रहे थे। यह मार्ग संकरा होने के कारण चार पहिया वाहनों को निकलने के लिए पर्याप्त रास्ता तक नहीं मिल पा रहा था। जिसके कारण बार-बार जाम की स्थिति पैदा हो रही थी।

फैसले से खुश नहीं है अंकिता के माता पिता
आरोपियों को उम्रकैद की सजा के फैसले से अंकिता के माता पिता खुश नहीं है। उन्होंने कहा कि जिन्होंने हमारी बेटी को मौत दी उन्हें भी मौत की सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने हमारा घर बर्बाद कर दिया। अंकिता के माता-पिता ने बताया कि वह अपनी बेटी को न्याय दिलवाने के लिए लड़ाई जारी रखेगें।

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