कुछ दिन पूर्व पुलिस की ओर से चलाया गया था अभियान
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : अतिक्रमण को लेकर चलाया जा रहा पुलिस का अभियान केवल खानापूर्ति साबित हो रहा है। हालत यह है कि कुछ दिन पूर्व अतिक्रमण के खिलाफ सख्ती दिखाने के बाद भी अतिक्रमणकारियों ने सड़क पर दोबारा अपना कब्जा जमा दिया है। नतीजा, अतिक्रमण की जद में आए गोखले मार्ग पर आमजन का पैदल चलना भी मुश्किल होता जा रहा है।
तीन दिन पूर्व ही प्रशासन व पुलिस ने मार्ग पर अतिक्रमण अभियान चलाते हुए रेहड़ी-ठेली व फड वालों को चेतावनी भी दी थी। इसके बाद भी अतिक्रमणकारियों ने मार्ग का मोह नहीं छोड़ा। इससे साफ है कि प्रशासनिक कार्रवाई का असर महज दिखावटी साबित हो रहा है। शहर के बीच बाजार में स्थित गोखले मार्ग से रेहड़ी-ठेली व फड़ वालों का मोह नहीं छूट रहा। पुलिस, प्रशासन व नगर निगम की सख्ती के बाद भी यह मार्ग अतिक्रमण मुक्त नहीं हो पाया है। सड़क के दोनों ओर रेहड़ी-ठेली व फड ने मार्ग से पैदल आवागमन भी मुश्किल कर दिया है। अतिक्रमण के कारण मार्ग पर हर समय दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है। कुछ माह पूर्व एक छोटे हाथी वाहन ने सड़क से गुजर रहे एक बच्चे को टक्कर मार दी थी। हालांकि, दुर्घटना में बच्चे को अधिक चोट नहीं आई लेकिन, एक बड़ा हादसा होने से बच गया।
सख्ती का नहीं असर
तीन दिन पूर्व तहसीलदार साक्षी उपाध्याय के नेतृत्व में प्रशासन व पुलिस की टीम ने गोखले मार्ग में अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया था। अभियान के दौरान दर्जनों रेहड़ी ठेली को भी जब्त किया गया। साथ ही व्यापारियों से भी रेहड़ी-ठेली व फड वालों को अपने प्रतिष्ठानों के बाहर नहीं लगवाने की अपील की गई। बावजूद अगले ही दिन दोबारा मार्ग पर अतिक्रमण की स्थिति पूर्व की भांति ही दिखाई दी। इससे पूर्व भी प्रशासन, नगर निगम व पुलिस समय-समय पर मार्ग में अभियान चलाती रहती है। लेकिन, इस अभियान को देखकर लगता है कि सिस्टम को अतिक्रमण हटाने के नाम पर केवल राजस्व बढ़ाने से ही मतलब है।