यमुनोत्री पैदल मार्ग पर घोड़े-खच्चरों एवं डंडी-कंडी के संचालन में अनियमितता पर सख्ती

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उत्तरकाशी। डीएम डॉ.मेहरबान सिंह बिष्ट ने यमुनोत्री पैदल मार्ग पर घोड़े-खच्चरों एवं डंडी-कंडी के संचालन में अनियमितता और अव्यवस्था पैदा करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। जिस पर एसडीएम एवं अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत नवाजिश खलीक ने कुली एजेंसी जानकीचट्टी के ठेकेदार को कारण बताओ नोटिस जारी कर अनुबंध समाप्त करने की चेतावनी दी है। बता दें कि जानकीचट्टी से यमुनोत्री पैदल मार्ग पर घोड़े-खच्चरों एवं डंडी-कंडी के संचालन के लिए जिला पंचायत के द्वारा कुली एजेंसी हेतु एक ठेकेदार को अनुबंधित किया गया है। जबकि इसके लिए जिला पंचायत के द्वारा दर पूर्व से निर्धारित हैं। यमुनोत्री पैदल मार्ग पर तीर्थयात्रियों की सुरक्षा, सुविधा और व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए एक एसओपी जारी करते हुए यमुनोत्री पैदल मार्ग पर घोड़े-खच्चर एवं डंडी का संचालन निर्धारित समयावधि और सीमा के भीतर रोटेशन आधार पर किए जाने के निर्देश जारी किए गए थे। लेकिन गत दिवस डीएम के संज्ञान में आया कि कुछ लोगों के द्वारा इस व्यवस्था को प्रभावित करने की कोशिशें की जा रही है और रोटेशन और तय प्रस्थान बिन्दु से हटकर घोड़े-खच्चर एवं डंडी-कंडी का संचालन करने का प्रयास किया जा रहा है और अनुबंधित कुली एजेंसी के लोगों द्वारा निर्धारित दर से अधिक धनराशि वसूली जा रही है। मामले को गंभीरता से लेते हुए एसडीएम डुंडा एवं अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत को तुरंत सख्त कार्रवाई करने के निर्देश देने के साथ ही यात्रा व्यवस्था में जुटे अन्य अधिकारियों को भी इस तरह की गतिविधियों पर कड़ी नजर रख तुरंत कार्रवाई करने को कहा है।दूसरी ओर मामले में जिला पंचायत के अपर मुख्याधिकारी एवं डुंडा के उप जिलाधिकारी नवाजिश खलीक ने कुली एजेंसी जानकीचट्टी के ठेकेदार को एक नोटिस जारी कर मार्ग की क्षमता एवं रोटेशन व्यवस्था की अवहेलना किए जाने से इस व्यवस्था के सुचारू संचालन पर विपरीत असर पड़ रहा है। कुली एजेंसी के कार्मिकों द्वारा तीर्थयात्रियों से तय दर से अधिक धनराशि लिए जाने की भी शिकायत मिली है। उन्होंने कहा कि जिला पंचायत अध्यक्ष द्वारा भी इस स्थिति पर रोष व्यक्त करते हुए ठेकेदार का अनुबंध समाप्त करने का निर्देश दिया गया है। ठेकेदार को दो दिन के भीतर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने की हिदायत देते हुए कहा है कि इन शिकायतों के दृष्टिगत तथा अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन करने की वजह से क्यों न अनुबंध निरस्त कर दिया जाय।

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