संघर्ष ही सफलता की पहली सीढ़ी : प्राचार्य
जहयरीखाल महाविद्यालय में नव प्रवेशित छात्र-छात्राओं का किया स्वागत
जयन्त प्रतिनिधि।
लैंसडौन : भक्त दर्शन राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय जयहरीखाल में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत अभिविन्यास कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान प्राचार्य ने प्रत्येक माह अधिकतम उपस्थिति वाले छात्र-छात्रा को प्रोत्साहन हेतु पुरस्कृत करने की भी घोषणा की। उन्होंने सभी नव प्रवेशित छात्रों को एक वयस्क की तरह व्यवहार करने हेतु तैयार रहने के लिए कहा। छात्रों को बताया कि वह एक्टिव रहें, प्रतिभाग करें तथा एक दूसरे का सहयोग करें। उन्होंने छात्रों को बताया कि जीवन में बिना संघर्ष के कोई भी व्यक्ति सफल नहीं हो सकता क्योंकि संघर्ष ही सफलता की पहली सीढ़ी है। उस सीढ़ी पर बिना पैर रखे व्यक्ति शीर्ष पर नहीं पहुंच सकता।
कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्य प्रो. लवनी रानी राजवंशी ने सरस्वती की प्रतिमा के समीप दीप प्रज्ज्वलित कर किया। कार्यक्रम संचालक डॉ. उमेश ध्यानी ने नव प्रवेशित छात्र-छात्राओं का महाविद्यालय में स्वागत किया गया। साथ ही महाविद्यालय में संचालित विभिन्न क्रियाकलाप एनसीसी, एनएसएस, रोवर्स रेंजर्स, क्रीड़ा, सांस्कृतिक आदि कार्यक्रमों की जानकारी दी। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के बारे में जानकारी दी। इस मौके पर डॉ. अर्चना नौटियाल, डॉ. पंकज कुमार, डॉ. कमल कुमार, डॉ. भगवती प्रसाद पंत, डॉ. रेखा यादव, डॉ. नीना शर्मा, डॉ. नेहा शर्मा, डॉ. शेफली रावत, डॉ. वरूण कुमार, वरिष्ठ प्रो. एसपी मधवाल, डॉ. कमल कुमार, डॉ. डीसी मिश्रा, डॉ. डीसी बेबनी, रोवर्स रेंजर्स प्रभारी डॉ. विनीता, डॉ. अभिषेक कुकरेती, एनएसएस प्रभारी डॉ. अर्चना नौटियाल, डॉ. शिप्रा, डॉ. संजय मदान, डॉ. वीके सैनी, डॉ. शुभम काला, डॉ. प्रीति रावत, डॉ. कृतिका क्षेत्री, डॉ. भगवती प्रसाद पंत आदि मौजूद थे।