देहरादून। दून विश्वविद्यालय में शुक्रवार को केंद्रीय बजट पर छात्र संसद का आयोजन किया गया। जिसमें स्कूल ऑफ मैनेजमेंट के एमबीए पाठ्यक्रम के विद्यार्थियों ने बजट का विस्तार से विश्लेषण किया। डीन प्रो. एचसी पुरोहित ने बताया कि इस दौरान स्पीकर की भूमिका निभा रहे साहिल नेगी को अनुशासन बनाए रखने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। प्रधानमंत्री की भूमिका में सिमरन पांडे ने विकसित भारत के स्वरूप को स्पष्ट करते हुए विकास के विभिन्न मानदंडों को रेखांकित किया। नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में अमन नेगी ने युवाओं को रोजगार की सुविधा उपलब्ध न होने, शिक्षा की गुणवत्ता एवं स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए बजट में शिक्षा व स्वास्थ्य के प्रावधानों को नाकाफी बताया। अमित रांगण ने भी बजट में शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर चिंता व्यक्त की।
इस विश्लेषण के दौरान सबसे पहले वित्त मंत्री की भूमिका में रिद्धिमा जुयाल ने केंद्रीय बजट पर विस्तार से प्रस्तुति दी। सदन में कृषि मंत्री की भूमिका में सचिन नौटियाल ने कृषि धन-धान्य योजना और किसानों की आय दोगुनी करने संबंधी योजना का विश्लेषण किया, वहीं जतिन ने जीरो बजट नेचुरल फार्मिंग की वकालत की। रक्षा मंत्री की भूमिका में इरम खान ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदमों की सराहना की। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री के रूप में अर्णव ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के साथ-साथ स्टार्टअप्स के लिए प्रस्तुत विभिन्न आकर्षक योजनाओं का जिक्र किया।
प्रियांशु ने शिक्षा मंत्री की भूमिका में प्राथमिक, तकनीकी एवं उच्च शिक्षा के बजटीय प्रावधानों पर प्रकाश डाला। खेल मंत्री के रूप में अभिजीत सती, कोयला मंत्री के रूप में अदनेश, विदेश मंत्री की भूमिका में रिया, और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री के रूप में आकाश संजवाण ने भी बजट की विभागवार समीक्षा की।