पिथौरागढ़ के छात्र ने एवरेस्ट पर लहराया तिरंगा
पिथौरागढ़। हौसला बुलंद हो तो हर मुकाम हासिल किया जा सकता है। यह सच कर दिखाया है पिथौरागढ़ के सीमांत जनपद के छात्र मनीष कसनियाल ने। उन्होंने विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा लहराकर देश के साथ ही सीमांत का गौरव बढ़ाया है। उनकी इस उपलब्धि पर क्षेत्र में खुशी की लहर है। बचपन से ही एवरेस्ट पर तिरंगा लहराने का सपना देखने वाले जिला मुख्यालय के नजदीक कासनी गांव के 26 वर्षीय मनीष कसनियाल ने आखिरकार सपना सच कर दिखाया। मनीष ने मंगलवार सुबह दुनिया की सबसे ऊंची चोटी फतह करने में सफलता हासिल की। भारतीय पर्वतारोहण संस्था आईएमएफ के बैनर तले एक अप्रैल को पर्वतारोहण अभियान शुरू हुआ था, जिसमें मनीष का चयन हुआ। इस अभियान में देश के 12 पर्वतारोही 8848 मीटर ऊंची एवरेस्ट, 8516 मीटर ल्होत्से, 7864 मीटर नूपसे, 7116 मीटर ऊंची पुमोरी चोटियों को फतह करने निकले थे। इन चोटियों में पर्वतारोहण के लिए बनी चार टीमों में मनीष व सिक्किम की मनीता प्रधान की टीम को एवरेस्ट फतह के लिए चुना गया। मनीष ने अपनी टीम के साथ 1 जून को सुबह 5 बजे एवरेस्ट पर तिरंगा लहराकर क्षेत्र का गौरव बढ़ाया है।
उपलब्धि से परिवार में खुशी: मनीष की इस उपलब्धि पर उनके पिता सुरेश चंद्र कसनियाल, मां ममता, बहन हिना ने कहा कि उनके लिए यह गौरव का पल है। बताया मनीष को बचपन से ही एवरेस्ट पर चढ़ने का जुनून था। मनीष को पर्वतारोहण की बारीकियां सिखाने वाली आईस संस्था के बासू पांडे, जया पांडे सहित विधायक चंद्रा पंत, पूर्व विधायक मयूख महर, जिपं अध्यक्ष दीपिका बोरा, वरिष्ठ यूकेडी नेता काशी सिंह ऐरी सहित पिथौरागढ़ महाविद्यालय के शिक्षकों व छात्रों ने उन्हें बधाई दी है।
मनीष के नाम दर्ज हैं कई रिकॉर्ड: पिथौरागढ़ महाविद्यालय में एमए के छात्र मनीष ने पर्वतारोहण में बेसिक, एडवांस, सर्च व रेस्क्यू, मैथड ऑफ इंस्ट्रक्शन कोर्स किया है। उनके नाम पर्वतारोहण में कई रिकॉर्ड दर्ज हैं। आईस संस्था से पर्वतारोहण की बारीकियां सीखने के बाद मनीष ने वर्ष 2018 में 5782 मीटर ऊंची नंदा लपाक चोटी को फतह किया था। 6 दिसंबर 2020 में 148 मीटर ऊंचे बिर्थी फॉल में रैपलिंग करने वाले टीम में मनीष भी शामिल रहे। टीम की यह उपलब्धि एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज है।