रुद्रपुर()। रुद्रपुर कोतवाली में मंगलवार देर रात उस समय हंगामा हो गया, जब छात्रसंघ चुनाव में फायरिंग के मामले में पुलिस पूछताछ के लिए छात्रनेता के पिता और पत्नी को कोतवाली लेकर पहुंची। आरोप है कि पुलिस ने छात्रनेता की गर्भवती पत्नी के साथ अभद्रता की। रात तीन बजे से धरने पर बैठे छात्रसंघ अध्यक्ष समेत छात्रों को हटाने पर पुलिस और छात्रों के बीच तीखी नोकझोंक हो गई। करीब नौ घंटे तक छात्रों का धरना-प्रदर्शन चलता रहा। इसके बाद पुलिस की ओर से निष्पक्ष जांच के आश्वासन के बाद छात्रों ने धरना समाप्त किया। एसबीएस डिग्री कॉलेज के छात्रसंघ चुनाव में फायरिंग प्रकरण को लेकर मंगलवार देर रात पुलिस कार्रवाई ने विवाद खड़ा कर दिया। आरोप है कि कोतवाली पुलिस पूर्व छात्रसंघ सचिव के घर दबिश देने पहुंची, जहां छात्रनेता घर पर मौजूद नहीं थे। इस दौरान पुलिस उनकी गर्भवती पत्नी और पिता को हिरासत में लेकर कोतवाली ले आई। आरोप है कि पुलिस ने छात्रनेता की पत्नी के साथ अभद्रता की। जैसे ही मामले की जानकारी नवनिर्वाचित छात्रसंघ अध्यक्ष रजत बिष्ट और अन्य पदाधिकारियों को मिली, वे दर्जनों छात्रों के साथ कोतवाली स्थित सीओ कार्यालय पहुंचे और गेट पर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। इसी दौरान मौके पर पहुंचे कोतवाल मनोज रतूड़ी पर छात्रों ने धक्का देकर अभद्रता करने का आरोप लगाया। छात्र नेताओं ने दावा किया कि फायरिंग की घटना में सुमित गंगवार का कोई हाथ नहीं था और घटना के समय वह मौके पर मौजूद भी नहीं थे। बावजूद इसके पुलिस ने संदेह के आधार पर देर रात दबिश दी और गर्भवती महिला तक को नहीं छोड़ा। इस कार्रवाई से आक्रोशित छात्रों ने देर रात तीन बजे से धरना शुरू कर दिया, जो करीब नौ घंटे तक चला। हंगामे के बीच पुलिस अधिकारियों ने छात्रों को समझाने का प्रयास किया। इसके बाद निष्पक्ष जांच के आश्वासन पर छात्रों ने धरना समाप्त किया। एसएसआई नवीन बुधानी ने बताया कि फायरिंग प्रकरण में पूछताछ के लिए छात्रनेता को बुलाया गया था। घर पर मौजूद नहीं होने पर पूछताछ के लिए पिता और पत्नी को कोतवाली लेकर आए थे। इतने में छात्रों ने हंगामा कर दिया। महिला को परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है। परिजनों से छात्रनेता को कोतवाली में पेश करने के लिए कहा गया है।