उत्तराखंड

न्याय सिद्धांतों की बारीकियां सीख रहे छात्र

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नई टिहरी : केंद्रीय संस्कृत विश्वद्यालय श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर में बाहरी राज्यों से आये विद्यार्थी न्याय सिद्धांतों की बारीकियां सीख रहे हैं। न्यायशास्त्र के एक माह के शिविर में गुरुकुल पद्धति से विद्यार्थियों को विभिन्न विश्वविद्यालयों के विषय विशेषज्ञ प्रशिक्षण दे रहे हैं। राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता परीक्षा करने के बाद इन विधार्थियो का चयन हुआ है। केंद्रीय संस्कृत विवि के कुलपति प्रो. श्रीनिवास वरखेड़ी की ओर से संचालित शास्त्र रक्षा अभियान के तहत इस वर्ष तीन परिसरों में एक माह के विशेष शिविर चल रहे हैं। जयपुर परिसर में व्याकरण, राजीव गांधी परिसर, शृंगेरी में अद्वैत वेदांत व श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर देवप्रयाग में न्याय शास्त्र का विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। अखिल भारतीय शास्त्र प्रशिक्षण वर्ग के राष्ट्रीय संयोजक प्रो. कुलदीप शर्मा ने बताया कि शिविरों का उद्देश्य अगली पीढ़ी तक भारतीय शास्त्रीय ज्ञान को हस्तांतरित करना है। श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर के प्रशिक्षण वर्ग संयोजक डॉ. सच्चिदानंद स्नेही ने बताया कि यहां उदयनाचार्य के ग्रंथ न्यायकुसुमांजलि का अध्ययन कराया जा रहा है। विषय विशेषज्ञों में महामहोपाध्याय देवीदत्त पाटिल, संपूर्णानंद संस्कृत विवि के न्याय विभाग के सहायक आचार्य कुंज बिहारी, केंद्रीय संस्कृत विवि, शृंगेरी परिसर के श्याम सुंदर, राघवेंद्र उर्ली, राष्ट्रीय संस्कृत विवि तिरुपति के आचार्य ओजीपी कल्याण शास्त्री, संपूर्णानंद संस्कृत विवि के प्रो. रामपूजन पांडेय तथा कर्नाटक संस्कृत विवि के पूर्व कुलपति केई देवनाथन आदि शामिल हैं। परिसर निदेशक प्रो. पीवीबी सुब्रह्मण्यम ने बताया कि देवप्रयाग परिसर में केरल, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, उड़ीसा आदि राज्यों के 36 छात्र-छात्राएं प्रतिभाग कर रहे हैं। (एजेेंसी)

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