जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : राज्य सरकार द्वारा संचालित देवभूमि उद्यमिता योजना के तहत भक्त दर्शन राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, जयहरीखाल में 12 दिवसीय उद्यमिता विकास कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत मंगलवार को छात्र-छात्राओं ने गुमखाल बाजार का सर्वेक्षण किया। सर्वेक्षण का मुख्य उद्देश्य छात्रों को स्थानीय व्यापारिक गतिविधियों, उपभोक्ता आवश्यकताओं और बाजार प्रतिस्पर्धा की वास्तविक जानकारी प्रदान करना था।
छात्रों ने मांग और आपूर्ति, मूल्य निर्धारण, उपभोक्ता पसंद, विपणन रणनीतियां और व्यापार में आने वाली चुनौतियों पर जानकारी एकत्र की। छात्रों ने पाया कि स्थानीय बाजार में पर्यटन से जुड़े व्यवसायों की मांग अधिक है, और उपभोक्ताओं की पसंद लगातार बदल रही है। व्यवसायियों ने विपणन रणनीतियों और ग्राहक सेवा के महत्व पर भी अपने विचार साझा किए। विद्यार्थियों ने इस अनुभव को बहुत ज्ञानवर्धक बताया और कहा कि यह सर्वेक्षण उनके भविष्य के व्यावसायिक निर्णयों में सहायक सिद्ध होगा। इस प्रकार, यह पहल व्यावहारिक शिक्षा और उद्यमिता विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई। महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. एलआर राजवंशी ने बताया कि यह सर्वेक्षण न केवल प्रतिभागियों के लिए एक शैक्षणिक अनुभव था, बल्कि इसने उन्हें व्यावहारिक ज्ञान और स्थानीय बाजार की समझ प्रदान की। इसके माध्यम से युवा उद्यमियों को भविष्य में सफल व्यवसायिक रणनीतियां विकसित करने में मदद मिलेगी। इस मौके पर नोडल प्रभारी डॉ. विक्रम सिंह, कार्यक्रम समन्वयक श्रीमती रश्मि, डॉ. डी.एस. चौहान, डॉ. आर.के. सिंह, विमल कुमार, आशीष गौर, वरुण कुमार, शोएब ए. अंसारी, श्रीमती रंजना असवाल, रूप सिंह आदि उपस्थित रहे।
व्यावसायिक चुनौतियों के बारे में बताया
इस मौके पर व्यवसायियों ने प्रतिभागियों को अपने उत्पादों के बारे में जानकारी दी। साथ ही व्यावसायिक चुनौतियों के बारे में बताया। मान सिंह नेगी, श्रीमती पिंकी लठानी और अजय चौहान जैसे स्थानीय व्यवसायियों ने अपने उत्पादों जैसे जूस, सिरप, स्क्वैश, हिमालयन मिलेट्स और मिठाइयों को प्रदर्शित किया। उन्होंने मानसून के दौरान आने वाली समस्याओं, जैसे उत्पादों की पैकेजिंग और गुणवत्ता संबंधी मुद्दों, पर भी चर्चा की। व्यवसायियों ने जोर देकर कहा कि अच्छी पैकेजिंग और उत्पादों की उच्च गुणवत्ता सफल उद्यमिता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।