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जोशीमठ मामले में सुको का तत्काल सुनवाई से इनकार, कहा- ऐसे मामलों के लिए चुनी हुई सरकार भी है

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नई दिल्ली, । उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित जोशीमठ में भूधंसाव मामले में तत्काल सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है। अदालत ने सुनवाई के लिए 16 जनवरी की तारीख तय की है। बता दें कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की ओर से दायर याचिका में जोशीमठ के संकट को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की गई है। इसके लिए अदालत से हस्तक्षेप करने की मांग भी हुई है।
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ ने एक टिप्पणी भी की है। कोर्ट ने कहा कि सभी महत्वपूर्ण चीजों को शीर्ष अदालत में आने की जरूरत नहीं है। इसे देखने के लिए लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई संस्थाएं हैं।
जोशीमठ में भूधंसाव के कारण दो होटल और कई मकानों पर चिह्न लगाकर उन्हें प्रतिबंधित किया गया था। प्रशासन द्वारा इन प्रतिबंधित मकानों और होटल को ध्वस्त करने की कार्रवाई की जा रही है। होटल मलारी इन और माउंट व्यू को जेसीबी से गिराया जा रहा है। इसकी जिम्मेदारी केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई), नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम), राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरआफ) और लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) को दी गई है।
जोशीमठ के सिंहधार वार्ड में स्थित होटल मलारी इन और माउंट व्यू के भवन एक-दूसरे के ऊपर झुक गए हैं। इन होटलों में दिसंबर से ही दरारें पड़ना शुरू हो गई थी। दिसंबर के आखिरी हफ्ते में होटल को बंद करने का निर्देश दिया गया था।
एसडीआरएफ के कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने बताया कि होटलों को चरणबद्घ तरीके से गिराया जाएगा। ये होटल टेड़े हो गए हैं और इन्हें तोड़ना जरूरी है, क्योंकि इसके नीचे भी कई घर और होटल हैं। अगर ये ज्यादा धंसेगा तो कभी भी गिर सकता है।

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