वैकल्पिक मार्ग पर धूल से घुट रहा दम, आवागमन बना चुनौती
मालन पुल टूटने के बाद मोटाढांक-बेलगिरी आश्रम-हल्दूखाता के समीप बनाया गया है वैकल्पिक मार्ग
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : मालन नदी का पुल टूटने के बाद मोटाढांक-बेलगिरी आश्रम-हल्दूखाता के समीप बना वैकल्पिक मार्ग लोगों के लिए चुनौती बन गया है। मार्ग पर उड़ रही धूल के कारण लोगों का आवागमन करना भी मुश्किल हो गया है। ऐसे में प्रतिदिन आवाजाही करने वालों का बीमार पड़ना तय है। क्षेत्रवासियों ने सरकारी सिस्टम से मार्ग के डामरीकरण की मांग की है।
मालूम हो कि 13 जुलाई 2023 को कोटद्वार से भाबर को जोड़ने वाला वैकल्पिक मार्ग धराशायी हो गया था। पुल ढहने के बाद भाबर क्षेत्र की करीब पचास हजार की आबादी प्रभावित हो गई थी। सबसे अधिक परेशानी जशोधरपुर स्थित फैक्टियों में कच्चा माल पहुंचाने में हो रही थी। ऐसे में लोक निर्माण विभाग ने करीब 1.77 करोड़ की लागत से बेलगिरी आश्रम के समीप ह्यूम पाइप डालकर वैकल्पिक मार्ग तैयार किया। मार्ग बनने से आमजन को काफी राहत मिली लेकिन, वर्तमान में मार्ग पर उड़ रही धूल व मिट्टी ने चुनौती खड़ी कर दी है। दरअसल, कुछ दिन पूर्व हुई मूसलधार वर्षा के दौरान उफान पर बनी मालन नदी का जल वैकल्पिक मार्ग के ऊपर से बह रहा था, जिससे मार्ग पर भारी मिट्टी व रेत जमा हो गया था। अब धूप पड़ने से मिट्टी व रेत सूख चुकी है। मार्ग से बड़े वाहनों के गुजरने पर धूल-मिट्टी का गुबार छा जाता है। क्षेत्रवासियों ने लोक निर्माण विभाग से मार्ग का डामरीकरण करवाने की मांग की है।
दुर्घटनाओं का खतरा
मालन नदी से गुजर रहे वैकल्पिक मार्ग पर शाम ढ़लते ही पूरी तरह अंधेरा छा जाता है। ऐसे में कई बार जंगली जानवरों का भी खतरा बना रहता है। दरअसल, रात के समय कई जानवर नदी में पानी पीने के लिए पहुंचते हैं। मार्ग से आवागमन करने वालों की सुरक्षा को देखते हुए भाबरवासियों ने स्ट्रीट लाइट लगवाने की मांग की है।