नईदिल्ली, सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) शिक्षक भर्ती घोटाले के मामले में जमानत दे दी। न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और एनके सिंह की पीठ ने चटर्जी की ओर से दायर जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया। चटर्जी ने 2022 मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की जांच को चुनौती दी थी। उनके साथ पूर्व कुलपति सुबीरेश भट्टाचार्य और अधिकारी शांतिप्रसाद सिन्हा को भी जमानत मिली है।
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता चटर्जी को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद भी रिहा नहीं किया जाएगा क्योंकि अभी प्राथमिक शिक्षक भर्ती घोटाले से जुड़े सीबीआई के एक अन्य मामले की सुनवाई लंबित है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 13 दिसंबर, 2024 को चटर्जी को जमानत दी थी, लेकिन तब भी सीबीआई के मामले के कारण उन्हें जेल से बाहर नहीं निकाला गया था। चटर्जी अभी कोलकाता जेल में हैं।
चटर्जी को 23 जुलाई 2022 को ईडी ने एसएससीभर्ती घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में उनके कोलकाता आवास से गिरफ्तार किया था। इसके बाद सीबीआई ने प्राथमिक शिक्षक भर्ती घोटाले के मामले में उनको अक्टूबर 2024 को गिरफ्तार किया। चटर्जी पर ईडी के 3 और सीबीआई के 5 मामले दर्ज हैं। उन पर ग्रुप सी और डी कर्मचारी, 9वीं-10वीं कक्षा के असिस्टेंट टीचर और प्राइमरी टीचरों की भर्तियों में घोटाले का आरोप है। वे टीएमसी से बर्खास्त हैं।