सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली मेट्रो फेज-4 का काम रोकने से किया इनकार, कहा- किसी भी दखल से लागत में होगी भारी वृद्धि
नई दिल्ली, एजेंसी। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली मेट्रो के चौथे चरण के निर्माण कार्य को रोकने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि मेट्रो निर्माण के किसी भी काम में किसी तरह के हस्तक्षेप से लागत में भारी वृद्धि हो सकती है। बता दें कि यह निर्देश मेट्रो निर्माण कार्य के खिलाफ याचिका पर आया है।
जस्टिस बी आर गवई और विक्रम नाथ की पीठ ने कहा कि पर्यावरण की चिंता जरूरी, लेकिन मेट्रो रेलवे जैसे विकास कार्यों की अनदेखी नहीं की जा सकती है। कोर्ट ने मेट्रो की अहमियत बताते हुए कहा कि मेट्रो बनने से अरबों लोगों की जरूरतों को पूरा किया जा सकेगा। साथ ही सड़क पर वाहनों की संख्या कम हो जाएगी, जिसके कारण कार्बन उत्सर्जन कम होगा।
दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन फेज-कश् पर तेजी से काम कर रहा है। इसके अंडरग्राउंड स्टेशंस को परंपरागत ‘कट एंड कवर’ टेक्नोलॉजी से बनाया जा रहा है। वहीं, सुरंग के लिए खास मशीनें यूज हो रही हैं। आपको बता दें कि दिल्ली मेट्रो के चौथे चरण में छह कॉरिडोर होंगे, जिसमें एरोसिटी से तुगलकाबाद, इंद्रलोक से इंद्रप्रस्थ, लाजपत नगर से साकेत जी ब्लॉक, मुकुंदपुर से मौजपुर, जनकपुरी वेस्ट से आरके आश्रम और रिठाला से बवाना और नरेला शामिल हैं।